हमारे पास बहुत विकल्प थे पर पुलिस ने चुना संयम: दिल्ली पुलिस कमिश्नर


हर विकल्प होते हुए भी पुलिस, प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझा रही थी। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पुलिस चाहती तो गोलियां चलाकर हुड़दंगियों को शांत कर सकती थी, लेकिन पुलिस ने गोली नहीं, संयम का रास्ता चुना।


Ritesh Mishra Ritesh Mishra
दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े उत्सव गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान जो कुछ हुआ उससे देश की प्रतिष्ठा को न सिर्फ चोट पहुंची है बल्कि किसानों के श्रम के प्रति लोगों का मोह भी कम हो गया है। किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान मोर्चा भी अलग-अलग धड़ में बंट चुका है। सिंघु बॉर्डर से किसान जहां वापस जाने लगे हैं, वहीं दिल्ली-नोएडा चिल्ला बॉर्डर को खोल दिया गया है।

इन सबके बीच ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ भी अलग देखने को मिला वो था पुलिस का शांत रहना। हर विकल्प होते हुए भी पुलिस, प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझा रही थी। दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा पर उतारू प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई के लिए पुलिस के पास बहुत सारे विकल्प थे, लेकिन पुलिस ने सिर्फ शांति का रास्ता चुना और संयम बरता।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पुलिस चाहती तो गोलियां चलाकर हुड़दंगियों को शांत कर सकती थी, लेकिन पुलिस ने गोली नहीं, संयम का रास्ता चुना। पुलिस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि इस घटना में काफी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वाहन व संपत्ति का भी नुकसान हुआ है। घटना ने सबको शर्मासार कर दिया। इसमें शामिल किसी भी आरोपित को नहीं बक्शा जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि कृषि कानून को लेकर गत दो महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। जनवरी के शुरुआत में पुलिस को पता चला कि वे दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने जा रहे हैं। जिसके बाद किसान नेताओं से संपर्क किया गया। नेताओं ने 26 जनवरी के दिन दिल्ली में परेड करने का आह्वान किया था।

पुलिस ने किसानों से 26 जनवरी की जगह कोई और तारीख में कार्यक्रम रखने का सुझाव दिया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। यहां तक कि पुलिस ने केएमपी एक्सप्रेस वे पर परेड निकालने पर सुरक्षा सहित अन्य सुविधा प्रदान करने का वादा भी किसानों से किया था, लेकिन किसान नेता अपनी बातों पर अड़े रहे। बाद में कई चरणों की वार्ता के बाद ट्रैक्टर परेड के लिए तीन अलग-अलग रूट तय हुए।

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों संगठनों ने पुलिस की सभी शर्तों को तोड़ दिया। दोपहर 12 बजे की जगह टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बार्डर से सुबह 8.30 बजे ही किसान ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की ओर निकल गए थे। वहीं यह भी तय हुआ था कि परेड के साथ किसान नेता भी साथ चलेंगे और किसी के पास हथियार इत्यादि नहीं होगा, लेकिन इन शर्तों की भी अवहेलना की गई।



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