क्लाउड सीडिंग के ट्रायल के बाद भी दिल्ली में क्यों नहीं हुई कृत्रिम बारिश?

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दिल्ली Updated On :

दिल्ली में प्रदूषण कम करने और कृत्रिम बारिश कराने के प्रयास के तहत मंगलवार (28 अक्टूबर) को किए गए क्लाउड सीडिंग के ट्रायल के बाद भी असर देखने को नहीं मिला। आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट में कारण बताया गया है कि नमी की कमी की वजह से दिल्ली-एनसीआर में क्लाउड सीडिंग का असर नहीं हो पाया।

आईआईटी कानपुर की टीम ने बताया कि आज दो उड़ानें (sorties) की गईं और कुल 14 फ्लेयर्स बादलों में छोड़े गए। हालांकि, बादलों में नमी (moisture) बहुत कम, लगभग 10 से 15 प्रतिशत होने की वजह से बारिश नहीं हो सकी। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को एनसीआर में केवल 0.1 मिमी बारिश नोएडा में दर्ज की गई। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इतनी कम नमी के साथ क्लाउड सीडिंग से बारिश होना लगभग असंभव था।

कल भी होगा ट्रायल
टीम ने बताया कि वे मौसम की सभी स्थितियों पर नजर रख रहे हैं और बुधवार (29 अक्टूबर) को दो और प्रयास किए जाएंगे। फिलहाल, आज का प्रयोग ‘सीमित असर’ दिखाने वाला रहा। कुल मिलाकर, नमी की कमी के चलते दिल्ली-एनसीआर में कृत्रिम बारिश की कोशिशें सफल नहीं हो सकीं, लेकिन आईआईटी कानपुर की टीम आगे भी प्रयोग जारी रखेगी।

8 फ्लेयर्स का हुआ इस्तेमाल
बता दें कि क्लाउड सीडिंग में 8 फ्लेयर्स का इस्तेमाल किया गया। हर फ्लेयर का वज़न 2-2.5 किलो था। इन फ्लेयर्स ने बादलों में कंटेंट रिलीज किया। बादलों में 15-20 फीसदी नमी थी। राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम वर्षा कराने के उद्देश्य से किया गया यह परीक्षण, सर्दियों के महीनों के दौरान बिगड़ती वायु गुणवत्ता में सुधार की दिल्ली सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

इन इलाकों में हुआ था ट्रायल
आईआईटी कानपुर की विशेषज्ञ टीम द्वारा प्रबंधित दोनों उड़ानें आईआईटी कानपुर और मेरठ हवाई अड्डों से शुरू हुईं और खेकड़ा, बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग, मयूर विहार, सादकपुर, भोजपुर और आसपास के क्षेत्रों को कवर किया।



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