मुंबई। एल्गार परिषद के कथित माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार 82 वर्षीय मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी ने यहां एक विशेष अदालत में याचिका दायर करके अनुरोध किया है कि उन्हें पेय पदार्थ पीने के लिए जेल में एक ‘स्ट्रॉ’ और ‘सिपर’ मुहैया कराया जाए।
स्वामी को जनवरी 2018 में पुणे के निकट भीमा कोरेगांव में हिंसा के संबंध में पिछले महीने रांची स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी ने वकील कृतिका अग्रवाल के जरिए शुक्रवार को एनआईए अदालत के समक्ष याचिका दायर कर स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में स्ट्रॉ और सिपर मुहैया कराए जाने का अनुरोध किया।
विशेष अदालत के न्यायाधीश डी ई कोठालिकर ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी से 26 नवंबर को मामले पर अपना जवाब दायर करने को कहा है।एनआईए अधिकारियों ने कहा है कि जांच से पता चला है कि स्वामी भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों में शामिल थे।
एनआईए ने आरोप लगाया है कि वह समूह की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिये ‘षडयंत्रकारियों’ सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेन्द्र गैडलिंग, अरुण फरेरा, वर्नन गोंसाल्वेस, हनी बाबू, शोमा सेन, महेश राउत, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबड़े के संपर्क में रहे हैं।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि स्वामी ने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिये एक सहयोगी के जरिये धन भी हासिल किया था। इसके अलावा वह भाकपा (माओवादी) के एक संगठन प्रताड़ित कैदी एकजुटता समिति (पीपीएससी) के संयोजक भी थे।
अधिकारियों ने कहा कि उनके पास से भाकपा (माओवादी) से संबंधित साहित्य और प्रचार सामग्री तथा उसके कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिये संचार से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किये गए हैं।
एनआईए ने पिछले महीने स्वामी समेत आठ लोगों के खिलाफ मामले में आरोप पत्र दायर किया था।