फिल्मों, टीवी कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारी अब नहीं कर पायेंगे अभिनय, कर्नाटक सरकार लगाएगी प्रतिबंध


बहरहाल, साहित्य, नाटक, लेख, कविता, छोटी कहानियां, उपन्यास , बिना उच्च अधिकारी की अनुमति के प्रकाशन की अनुमति होगी।


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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा


बेंगलुरू। कर्नाटक सरकार ने फिल्मों और टेलीविजन कार्यक्रमों में सरकारी अधिकारियों के अभिनय करने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है।

कर्नाटक राज्य सिविल सर्विसेज (आचरण) नियम, 2020 का मसौदा मंगलवार को प्रकाशित हुआ जिसमें कर्नाटक की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए नियमावली बनाई है।

सरकार ने मसौदा गजट अधिसूचना में सुझाव और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए लोगों को 15 दिनों का समय दिया है।

इसे अंतिम रूप देते ही यह तुरंत प्रभाव में आ जाएगा। मसौदा नियम में कई विशेषताएं हैं।

इसमें एक शीर्षक ‘‘प्रेस, रेडियो या टेलीविजन, परफॉर्मिंग आर्ट्स या किसी भी तरह के मास मीडिया में हिस्सा लेने या पुस्तकों, लेखों आदि के प्रकाशन से जुड़ा हुआ है।’’

मसौदा नियम में कहा गया है, ‘‘कोई भी सरकारी कर्मचारी फिल्मों और टेलीविजन धारावाहिक में काम नहीं करेगा या सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर इससे जुड़ी किसी भी गतिविधि से खुद को संबद्ध नहीं करेगा।’’

यह नियम किसी भी सरकारी कर्मचारी को सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बगैर किसी भी अखबार या प्रकाशन के संपादन या प्रबंधन में हिस्सा लेने से रोकता है।

बहरहाल, साहित्य, नाटक, लेख, कविता, छोटी कहानियां, उपन्यास , बिना उच्च अधिकारी की अनुमति के प्रकाशन की अनुमति होगी।

हालांकि, इस तरह के साहित्यिक कार्यों के प्रकाशन के लिए, इस तरह के लेख या किताब के प्रचार के लिए अधिकारी अपने आधिकारिक पद का इस्तेमाल नहीं करेंगे।’’



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