चिकित्सा शिक्षा पर जोर के कारण अगले 10 सालों में देश को रिकॉर्ड संख्या में नए डॉक्टर मिलेंगे: मोदी


प्रधानमंत्री ने कहा कि दो दशक पहले गुजरात में सिर्फ नौ चिकित्सा महाविद्यालय थे और इनमें करीब 1,100 सीटें थीं लेकिन पिछले 20 वर्षों में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आए हैं।


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गुजरात Updated On :

भुज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के हर जिले में चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण के लक्ष्य और चिकित्सा शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन पहलों से आने वाले 10 सालों में देश को रिकॉर्ड संख्या में नए डॉक्टर मिलने वाले हैं।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से यहां 200 बिस्तरों वाला के. के. पटेल धर्मार्थ सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल राष्ट्र को समर्पित करने के बाद अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि कोराना वायरस एक बार फिर घात लगाकर बैठा है, लिहाजा लोगों को इसे हलके में नहीं लेना है और सतर्क रहना है।

उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं बीमारी के इलाज तक ही सीमित नहीं होती हैं बल्कि सामाजिक न्याय को भी प्रोत्साहित करती हैं।

मोदी ने कहा कि जब किसी गरीब को सस्ता और उत्तम इलाज सुलभ होता है तो उसका व्यवस्था पर भरोसा मजबूत होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दो दशक पहले गुजरात में सिर्फ नौ चिकित्सा महाविद्यालय थे और इनमें करीब 1,100 सीटें थीं लेकिन पिछले 20 वर्षों में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अब, राज्य में एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (एम्स) है और तीन दर्जन से अधिक चिकित्सा महाविद्याालय हैं। इन महाविद्याालयों में करीब 6,000 छात्रों को दाखिला मिलता है। राजकोट एम्स ने 2021 से 50 छात्रों का दाखिला आरंभ कर दिया है।’’

इस बात पर जोर देते हुए कि कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे हल्के में नहीं लेना है।

उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में भारत के योग और आयुर्वेद ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है और भारत से हल्दी का निर्यात भी बहुत बढ़ा है।

उन्होंने स्वस्थ जीवन का संदेश दुनिया भर में फैलाने के लिए कच्छ के लोगों से अपील की कि वे बड़ी संख्या में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और एक विश्व रिकार्ड बनाएं।

मोदी ने कहा कि इलाज के खर्च की चिंता से गरीब को मुक्ति मिलती है तो वह निश्चिंत होकर गरीबी से बाहर निकलने के लिए परिश्रम करता है और पिछले कुछ सालों में स्वास्थ्य के क्षेत्र की जितनी भी योजनाएं लागू की गई हैं, उनकी प्रेरणा यही सोच है।

उन्होंने कहा, ‘‘आयुष्मान भारत योजना और जनऔषधि योजना से हर साल गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लाखों करोड़ रुपये इलाज में खर्च होने से बच रहे हैं।’’

इस अस्पताल का निर्माण भुज के श्री कच्छी लेवा पटेल समाज द्वारा किया गया है। यह पूरे कच्छ में पहला धर्मार्थ सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है।

इस अस्पताल में मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं जैसे कि इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी (कैथलैब), कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूक्लियर मेडिसिन, तंत्रिका शल्य चिकित्सा (न्यूरो सर्जरी), ज्वाइंट रिप्लेसमेंट और अन्य सहायक सेवाएं जैसे कि विज्ञान संबंधी परीक्षण प्रयोगशाला, रेडियोलॉजी इत्‍यादि सुलभ होंगी।



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