अहमदाबाद। राजकोट के एक पुलिस थाने में ‘स्टिंग ऑपरेशन’ करने के लिए घुसने और पुलिसकर्मियों के काम में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में एक गुजराती समाचारपत्र के चार पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एक अधिकारी ने बताया कि जिन पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उनमें तीन रिपोर्टर और एक फोटोग्राफर है। ये पत्रकार राजकोट तालुका पुलिस थाने में एक दिसंबर की रात कथित तौर पर ‘स्टिंग ऑपरेशन’ करने के लिए दाखिल हुए थे।
यह स्टिंग ऑपरेशन 27 नवंबर को राजकोट के कोरोना अस्पताल में आग लगने और वहां पांच मरीजों की मौत के संबंध में था। पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा कि चारों पत्रकार बिना अनुमति के प्रतिबंधित क्षेत्र में कथित रूप से घुस आए थे।
उन्होंने कहा कि आग से संबंधित एक खबर दो दिसंबर को अखबार में तस्वीरों के साथ प्रकाशित हुई, जिसें कहा गया था कि अस्पताल में आग लगने के मामले के तीन आरोपियों के साथ वीआईपी की तरह व्यवहार हो रहा है और उन्हें हवालात में रखने के बदले एक पुलिसकर्मी कक्ष में रखा गया है।
पत्रकारों ने पुलिस थाने के कुछ वीडियो भी बनाए थे और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर इन्हें साझा किया गया। अधिकारी ने कहा कि आग मामले के तीन आरोपियों को 30 नवंबर को राजकोट तालुका पुलिस थाने लाया गया था और उन्हें पूछताछ के लिए एक अलग कक्ष में ले जाया गया था तथा उनके साथ वीआईपी की तरह व्यवहार नहीं किया जा रहा।
अधिकारी ने बताया कि चारों पत्रकारों के खिलाफ शु्क्रवार को आईपीसी की संबंधित धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। इस संबंध में किसी की गिरफ्तार नहीं हुई है।