गुजरात चुनाव: आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी मतदाताओं ने 15 फीसदी कम मतदान किया


गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में ग्रामीण और आदिवासी मतदाता बड़ी संख्या में सामने आए हैं, लेकिन शहरी मतदाता बड़े पैमाने पर मतदान करने नहीं आए हैं।


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गुजरात Updated On :

गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में ग्रामीण और आदिवासी मतदाता बड़ी संख्या में सामने आए हैं, लेकिन शहरी मतदाता बड़े पैमाने पर मतदान करने नहीं आए हैं। दोपहर तीन बजे तक सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की 89 सीटों पर 788 उम्मीदवारों के लिए 48.48 फीसदी वोट पड़े। सबसे ज्यादा मतदान तापी जिले में 64.27 फीसदी, नर्मदा 63.88 फीसदी और डांग में 58.55 फीसदी दर्ज किया गया है।

सौराष्ट्र के भावनगर जिले में 45.91 फीसदी, जूनागढ़ जिले में 46.03 फीसदी और सूरत में 47.01 फीसदी वोट पड़े। विधानसभावार मतदान आदिवासी आरक्षित सीट निजार में 66.42 फीसदी, कपराडा (64.45फीसदी) में मतदान के लिए उत्साह के बीच एक बड़ा अंतर दिखाता है, शहरी क्षेत्रों में यह राजकोट पश्चिम में 42.90 फीसदी और राजकोट दक्षिण में 43.42 फीसदी था।

राजकोट जिले के सबसे संवेदनशील विधानसभा क्षेत्र गोंडल में कांग्रेस प्रत्याशी यतीश देसाई ने आरोप लगाया कि पार्टी के पोलिंग एजेंट जयदीप पारखिया को भाजपा नेता बाबूभाई टोलिया के बेटे ने पीटा, उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के जामवाड़ी मतदान केंद्र पर फर्जी मतदान का प्रयास किया।



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