अब ‘ड्रैगन फ्रूट’ बना ‘कमलम’, चीन का फल लगने के कारण गुजरात सरकार ने बदला नाम

सीएम ने कहा, ‘‘ड्रैगन फ्रूट नाम ठीक नहीं है और इसके नाम के कारण लगता है कि यह चीन का फल है। इसलिए हमने इसका नाम कमलम करने का फैसला किया है।’’

गांधीनगर। बीजेपी सरकारों द्वारा अपने कुछ खास मकसद से देश के कुछ शहरों-मार्गों और रेलवे स्टेशनों का नाम बदलना या बदलने का चुनावी वादा तो सुना ही होगा, लेकिन बीजेपी द्वारा किसी फल का नाम इसलिए बदलना कि वह एक देश के फल के नाम की तरह लगता है,  नहीं सुना होगा, लेकिन बीजेपी सरकार ने अब चीन के फल के नाम की तरह लगने वाले गुजरात में पैदा होने वाले फल ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर ” कमलम” कर दिया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि राज्य सरकार ने ‘ड्रैगन फ्रूट’ का नाम बदलकर ‘कमलम’ करने का फैसला किया है।

रूपाणी ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार ने ‘ड्रैगन फ्रूट’ का नाम ‘कमलम’ करने के पेटेंट के लिए आवेदन किया है। कच्छ, नवसारी और सौराष्ट्र के विभिन्न भागों में इसकी पैदावार होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ड्रैगन फ्रूट नाम ठीक नहीं है और इसके नाम के कारण लगता है कि यह चीन का फल है। इसलिए हमने इसका नाम कमलम करने का फैसला किया है।’’

फल का नाम ‘कमलम’ क्यों रखा गया है, यह पूछे जाने पर रूपाणी ने कहा, ‘‘किसानों का कहना है कि यह कमल के फूल की तरह दिखता है और इसी वजह से हमने इसे कमलम नाम देने का फैसला किया है।’’

उल्लेखनीय है कि ‘कमल’ भाजपा का चुनाव चिह्न है और पार्टी की गुजरात इकाई के मुख्यालय का नाम ‘श्री कमलम’ है।

रूपाणी ने कहा कि फल का नाम बदलने के पीछे कोई राजनीतिक सोच नहीं है ।

नाम बदलने की जरूरत के बारे में पूछे गए सवाल पर रूपाणी ने कहा कि राज्य के बंजर क्षेत्रों में इस फल की पैदावार होती है और यह फल शरीर में खून बढ़ाने में सहायक होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय बाजार में उपलब्ध यह सबसे महंगा फल है।

कैक्टस प्रजाति के पौधों में यह फल उगता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करने के लिए लोग इसे खाते हैं।

First Published on: January 20, 2021 2:56 PM
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