अहमदाबाद। गुजरात सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक प्रशासन पर उनकी मांगों को लेकर दिये गए आश्वासन को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को हड़ताल पर चले गए। सरकारी अस्पतालों की नर्सें भी वेतन वृद्धि एवं अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर चली गयीं।
गुजरात मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन से संबद्ध सैंकड़ों प्राध्यापकों और व्याख्याताओं ने हड़ताल में हिस्सा लिया है। जीएमटीए के सदस्यों ने वेतन बढ़ोतरी समेत कई मांगों को लेकर पिछले शुक्रवार को हड़ताल शुरू की थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई समाधान निकालने का आश्वासन दिये जाने कुछ घंटे बाद हड़ताल वापस ले ली गई थी।
जीएमटीए के अध्यक्ष डॉक्टर रजनीश पटेल ने कहा, ‘सात मई को हमने सरकार के प्रतिनिधियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी और हम इस बात को लेकर खुश थे कि हमारी मांगें सुनी गईं तथा सरकार का रवैया सकारात्मक था। लेकिन हमें अभी तक लिखित में कोई आश्वासन नहीं मिला है कि सरकार ने हमारी कौन कौन सी मांगें मान ली हैं। इसलिये हमने नए सिरे से हड़ताल का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा, सभी उचित मांगें मान ली गई हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, मुख्यमंत्री के रूप में मैं उनसे हड़ताल वापस लेने का अनुरोध करता हूं क्योंकि यह समय कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों को बचाने के लिये एकजुट होने का है।
स्वास्थ्य विभाग का प्रभार संभाल रहे उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने देर रात एक बयान में कहा कि हड़ताली शिक्षकों द्वारा उठाये गये दस मुद्दों के समाधान के लिए उन्होंने कदमों को मंजूरी दी है और उम्मीद है कि वे ड्यूटी पर लौट आयेंगे। सरकारी अस्पतालों की नर्सें भी वेतन वृद्धि एवं अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर चली गयीं।