अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर शनिवार को ‘जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्ययोजना’ की शुरुआत की। इसका उद्देश्य 2030 तक स्थायी और जलवायु अनुकूल भविष्य का निर्माण करना है।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गांधीनगर में एक कार्यक्रम में जलवायु कार्ययोजना की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि गुजरात जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए दीर्घकालिक कार्य योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर के विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार की गई, जिसमें अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा संरक्षण, वानिकी, तटीय क्षेत्रों, आदिवासी क्षेत्रों, पशुपालन, कृषि और स्वास्थ्य जैसे पहलुओं को शामिल किया गया है।
राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन की राष्ट्रीय कार्य योजना और जलवायु परिवर्तन पर ‘संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ (यूएनएफसीसीसी) में भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के आधार पर तैयार की गई है।
इसमें कहा गया है कि राज्य की कार्य योजना का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप अपने लोगों के लिए एक स्थायी और जलवायु अनुकूल भविष्य का निर्माण करना है।
विज्ञप्ति के अनुसार योजना में गुजरात के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं से संबंधित नौ विषयगत समूह हैं, जिनमें कृषि, जल, स्वास्थ्य, वन और जैव विविधता, समुद्र के स्तर में वृद्धि और तटीय बुनियादी ढांचे, ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा, शहरी विकास, के साथ-साथ हरित रोजगार शामिल हैं।
इसके अनुसार इसमें लोगों की भागीदारी, निजी निवेश जुटाने के साथ-साथ नीतिगत उपाय और सार्वजनिक निवेश जैसी रणनीतियां शामिल होंगी।