गुरुग्राम। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन ने प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि एक साल के लंबे अंतराल के बाद भी कोरोना मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने में प्रदेश सरकार पूर्ण नाकाम रही है। एक साल पहले शुरू हुई कोरोना संक्रमण की दर को देखते हुए जो कार्य अब धरातल पर दिखने चाहिए थे उनके लिए प्रदेश सरकार अब योजनाएं बना रही है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भविष्य की योजनाओं को बार-बार मीडिया में उछाल कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं। जनता को भविष्य की योजनाएं बताने की वजह सरकार को यह बताना चाहिए की करो ना महामारी के एक साल के दौरान प्रदेश की सरकार ने जनता के लिए क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई? उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसी भी जिले में मरीजों को कोरोना से लड़ने के लिए किसी तरह की कोई सुविधा प्रदान नहीं की गई।
प्रदेश के सरकारी हॉस्पिटलों का जिक्र छोड़ दें, प्राइवेट हॉस्पिटल तक को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। लोग कोरोना संक्रमण होने के बाद हॉस्पिटलों में जाने तक से कतराने ने लगे हैं। सरकार की इससे बड़ी विफलता क्या होगी कि लोगों को ऑक्सीजन तक नहीं मिल पा रही। शनिवार को सीएम मनोहरलाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि हरियाणा में ऑक्सीजन पर्याप्त है लेकिन रविवार को ही रेवाड़ी के विराट अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते 4 मरीजो की मौत हो गई।
गुरुग्राम की हालत भी भगवान भरोसे
राजन ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी गुरूग्राम का हाल भी सरकार ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है। लगातार कई अस्पताल ऑक्सीजन की मांग कर रहे है लेकिन प्रशाशन और सरकार समय पर नही दे पा रही। शनिवार को गुरूग्राम के आर्यन अस्पताल में मरीजो ने अपने स्तर पर ऑक्सिजन का बंदोबस्त किया जबकि अधिकारियों ने फ़ोन तक लोगो के नही उठाये। स्थानीय विधायक खुद ट्वीट कर अपनी लाचारी जता रहे है।
बेहतर कानून व्यवस्था का दावा करने वाली सरकार बताएं कि आखिर वैक्सीन से लेकर ऑक्सीजन तक की चोरी कैसे हो रही है? कहीं चोरी किए ऑक्सीजन के सिलेंडर पकड़े जा रहे हैं तो कहीं रेमडेसीविर दवाई ब्लैक में बेचने का खुलासा हो रहा है। पिछले दिनों गुरुग्राम में ऑक्सीजन की तस्करी करते 4 लोगों को गिरफ्तार किया आज रेवाड़ी में एक मोबाइल संचालक से रेमेडीज सिविल दवाई बरामद की गई है। इससे साफ जाहिर है कि आपदा में भी सरकार कतई गंभीर नहीं है।
राव ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दर बढ़ने के बाद से प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा गृहमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज हवा हवाई दावे और वादे कर रहे हैं लेकिन दोनों ही जमीनी हकीकत से वाकिफ होने के बावजूद चिकित्सकीय संसाधनों को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे। पिछले दिनों विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के साथ वर्चुअल संवाद में प्रदेश के विधायकों ने कोरोना को लेकर सरकार को अपने सुझाव और समस्याएं बताई।
विधानसभा स्पीकर ने विधायकों के सुझाव और समस्याओं से सीएम मनोहर लाल तथा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को अवगत करा दिया बावजूद इसके सुझाव पर किसी तरह का अमल दिखाई नहीं दिया। गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने साफ तौर अपनी मजबूरी बयां की है। विधायक ने अपने ट्वीट में साफ कहा कि वह लोगों की मदद करने में असमर्थ है तथा लोग लगातार उनसे मदद के लिए संपर्क कर रहे हैं।
इसमें अहम बात यह है की विधायक ने अपना ट्वीट प्रदेश के सीएम और गृहमंत्री को टैग तक नहीं किया। उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को ही अपनी मजबूरी से अवगत कराया है। ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है सरकार के विधायकों को भी सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। विधायक भी मानते हैं कि सरकार के दावे और वादे केवल हवा हवाई ही हैं। सीएम मनोहर लाल आज हालात को देखते हुए कहीं हॉस्पिटल में बेड बनाने बढ़ने की घोषणा कर रहे हैं तो कहीं ऑक्सीजन की सप्लाई दुगनी करने का दावा कर रहे हैं लेकिन हकीकत में उनके दावे अभी तक फलीभूत होते नजर नहीं आ रहे।
प्रदेश सरकार प्रदेश की जनता को सीधे तौर पर बताएं कि जैसी भयंकर आपदा में सरकार ने प्रदेश में क्या कदम उठाए झूठी घोषणाओं से अब काम चलने वाला नहीं। प्रदेश सरकार को धरातल पर उतर कर लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान करनी होंगी। उन्होंने कहा एक तरफ शक्ति के नाम पर आम आदमी पर ही शिकंजा कसा जा रहा है जबकि सरकारी कार्यक्रमों में लापरवाही साफ दिख रही है।
बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री और गृहमंत्री लगातार लॉकडाउन की मना ही कर रहे हैं जबकि सत्ता के हिस्सेदार उपमुख्यमंत्री लॉकडाउन की पैरवी कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना को लेकर सरकार की तैयारियों पर भी सरकार के अंदर के मतभेद अब स्पष्ट दिखने लगे हैं। बेहतर होगा कि सरकार प्रदेश की जनता की भलाई में तत्काल बेहतर चिकित्सकीय व्यवस्थाओं का प्रबंध करें और प्रदेश की जनता को करो ना जैसी महामारी से बचाने में आगे आए।