कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा में राजमार्गों पर किसानों ने टोल टैक्स की वसूली रोकी

किसानों करनाल के बस्तर में एनएच-44 टोल प्लाजा पर शुल्क वसूली की प्रक्रिया रोक दी है। उन्होंने करनाल-जींद राजमार्ग पर बने टोल प्लाजा, सिरसा जिले के डबवाली पर बने टोल प्लाजा और रोहतक-पानीपत राजमार्ग पर मकरौली कला पर भी टोल वसूली बंद कर दी है।

चंडीगढ़। भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर केन्द्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने शुक्रवार को हरियाणा के अधिकतर राजमार्गों पर टोल वसूली रोक दी। अधिकारियों के अनुसार राज्य में कई टोल बिंदुओं पर टोल शुल्क वसूली कल आधी रात या शुक्रवार की सुबह से रोक दी गई।

कई स्थानों पर, किसानों ने टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया और अधिकारियों को लोगों से शुल्क नहीं लेने दिया। वहीं कुछ स्थानों पर प्रदर्शन के मद्देनजर टोल कर्मचारियों ने खुद ही शुल्क वसूलना बंद कर दिया। टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने वाहनों को बिना शुल्क अदा किए ही जाने दिया।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कुछ दिन पहले कहा था कि हरियाणा के टोल बूथ पर 25 से 27 दिसम्बर तक टोल शुल्क वसूली नहीं करने दी जाएगी।

किसानों करनाल के बस्तर में एनएच-44 टोल प्लाजा पर शुल्क वसूली की प्रक्रिया रोक दी है। उन्होंने करनाल-जींद राजमार्ग पर बने टोल प्लाजा, सिरसा जिले के डबवाली पर बने टोल प्लाजा और रोहतक-पानीपत राजमार्ग पर मकरौली कला पर भी टोल वसूली बंद कर दी है।

गुडगांव के खेड़की दौला टोल प्लाजा पर हालांकि शुक्रवार सुबह टोल शुल्क की वसूली की गई।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित इन तीनों कृषि कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं आंदोलनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

First Published on: December 25, 2020 1:40 PM
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