हिमाचल की पौंग झील में 1400 प्रवासी पक्षी पाए गए मृत, टूरिस्ट गतिविधियों पर लगा रोक


हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पौंग झील किनारे प्रवासी पक्षियों की अचानक मौत होने से जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिला प्रशासन ने त्वरित एक्शन लेते हुए पौंग डैम की हर गतिविधि को बंद कर दिया है।


बबली कुमारी बबली कुमारी
हिमाचल प्रदेश Updated On :

शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले के पौंग बांध क्षेत्र में शनिवार तक 1,400 से अधिक प्रवासी पक्षी मृत पाए गए, पक्षियों के मौत का कारण अभी तक पता नहीं लग पाया है। स्थानीय प्रशासन ने अगले आदेश तक जलाशय के पूर्वांचल में सभी पर्यटन गतिविधियों को बंद कर दिया है। वन्यजीव अधिकारियों ने मौत के कारण का पता लगाने के लिए भोपाल में उच्च सुरक्षा पशु रोग प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए पक्षियों के शव से लिए गए नमूने भेजे हैं।

29 दिसंबर को पौंग बांध झील वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के फील्ड स्टाफ को सभी मृत पक्षियों के लिए पूरे क्षेत्र की खोज करने का आदेश दिया गया था। नागरोटा में जवाली बीट के धमेता और गुग्लारा क्षेत्र में वन्यजीवों के मजार, बथारी, सिहाल, जगनोली, चतरा, धमेता और कुठेरा क्षेत्रों में 421 प्रवासी पक्षी पाए गए । बाद के दिनों में और भी मृत पक्षी पाए गए।

आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जारी आदेशों में कांगड़ा के डिप्टी कमिश्नर-सह-जिला मजिस्ट्रेट राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि अगले आदेश तक पोंग डैम जलाशय की एक किलोमीटर एरिया में कोई भी एक्टिविटी की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्षेत्र को अलर्ट जोन घोषित किया गया है । इसके आगे 9 किमी का क्षेत्र निगरानी क्षेत्र में है।

यहां तक कि मछुआरों के पौंग झील में मछली पकडऩे पर भी पाबंदी रहेगी। जिलाधीश प्रजापति ने बताया कि पौंग झील में अचानक पक्षियों के मरने के कारणों का अभी तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है। इसे देखते हुए कोई भी व्यक्ति डैम एरिया में नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई आदेशों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

वन्यजीव अधिकारियों का कहना है कि मृत पक्षियों में 95 फीसदी Bar Headed Geese हैं, जो साइबेरिया और मंगोलिया से माइग्रेट करती हैं। हर साल ठंड में करीब 1.15 से 1.20 लाख प्रवासी पक्षी पोंग डैम सेंक्चुरी में आते हैं और करीब चार महीने यहीं रहते हैं।



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