हिमाचल प्रदेश: निलंबित कांग्रेस विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठे


हिमाचल प्रदेश विधानसभा से पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कांग्रेस के पांच विधायक अपने निलंबन और अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के विरोध में सोमवार को सदन के बाहर धरने पर बैठ गए।


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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा से पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कांग्रेस के पांच विधायक अपने निलंबन और अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के विरोध में सोमवार को सदन के बाहर धरने पर बैठ गए।

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री और विधायक हर्षवर्धन चौहान, सतपाल रायजादा, सुंदर सिंह और विनय कुमार को राज्यपाल बंदारू दत्तात्रेय के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के आरोप में शुक्रवार को सदन से निलंबित कर दिया गया था। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए डीजीपी संजय कुंडू को एक औपचारिक शिकायत भेजी थी।

विधायक एक तरफ जहां धरने पर बैठे थे वहीं बजट सत्र का दूसरा दिन कुछ पूर्व विधायकों और कांगड़ा जिले के फतेहपुर से कांग्रेस विधायक सुजान सिंह पठानिया के लंबी बीमारी के बाद 13 फरवरी को निधन होने के कारण शोक प्रस्ताव के साथ शुरू हुआ।

अग्निहोत्री ने मीडिया के साथ बातचीत में शुक्रवार की घटना के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस विधायकों के साथ मारपीट हुई और कहा कि इस कृत्य के जिम्मेदार उपाध्यक्ष और मंत्रियों को निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की जानी चाहिए।

सदन में बजट सत्र के पहले दिन हंगामा होने के कारण राज्यपाल ने अपना भाषण संक्षिप्त रखा और जब वह राजभवन के लिए रवाना होने वाले थे तब शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय के बाहर कथित घटना हुई थी।



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