हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर टीरा कस्बे में मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद के बाहर महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर अपनी आपत्ति वापस ले ली है। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अजमेर ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि मुस्लिम सुधार सभा ने प्रतिमा की स्थापना का समर्थन किया है। समुदाय के कुछ सदस्यों के प्रतिमा स्थापना समारोह में भाग लेने की भी उम्मीद है।
दरअसल, सुजानपुर टीरा कस्बे में एक मस्जिद के सामने महाराणा प्रताप की प्रस्तावित प्रतिमा को लेकर विवाद पैदा हो गया था। मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने हमीरपुर जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपकर सुजानपुर नगर परिषद द्वारा प्रस्तावित स्थान पर प्रतिमा स्थापित न करने का अनुरोध किया था। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मस्जिद के सामने प्रतिमा स्थापित नहीं की जानी चाहिए।
वहीं मुस्लिम धर्म के लोगों का कहना था कि मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए आसपास के क्षेत्रों के मुस्लिम पहुंचते हैं। यदि मस्जिद के सामने महाराणा प्रताप की प्रतिमा होगी तो नफरत की भावना पैदा हो सकती है।
इसके अलावा मुस्लिम सुधार सभा सुजानपुर के महासचिव रफीक ने कहा था कि “शहर का सौंदर्यीकरण होना अच्छी बात है। शहर सुंदर होना भी चाहिए, लेकिन मस्जिद के सामने महाराणा प्रताप का स्टैच्यू लगाया जाना सही नहीं है। यहां पर छोटी मस्जिद है और कई क्षेत्रों के लोग ईद पर नमाज पढ़ने के लिए आते हैं।”
उन्होंने आगे कहा था कि “ऐसे में हिंदू-मुस्लिम में नफरत की भावना पैदा हो सकती है, इसलिए इस स्टैच्यू को किसी अन्य जगह पर स्थापित कर दिया जाए। स्टैच्यू को लगाए जाने के संदर्भ में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इसकी जगह बदल दी जाए ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।”
हालांकि, एक रिपोर्ट के मुताबिक, नगर परिषद के एग्ज़ीक्यूटिव ऑफिसर अजमेर ठाकुर ने बताया कि अब मुस्लिम सुधार सभा ने प्रतिमा की स्थापना का समर्थन किया है। सभा के प्रमुख निजामुद्दीन और कमिटी के सदस्य बुधवार को उनके दफ्तर आए थे और एक पत्र दिया। इसमें कहा गया कि कई लोग प्रतिमा स्थापित करने के समर्थन में हैं।