कश्मीर में नए भूमि कानूनों के खिलाफ हुर्रियत ने किया बंद का आहूत, जनजीवन अस्त-व्यस्त

अधिकारियों ने बताया कि बंद के कारण श्रीनगर में ज्यादातर दुकानें, पेट्रोल पंप और व्यावसायिक प्रतिष्ठान नहीं खुले। आवागमन के साधन सड़कों से नदारद रहे। कुछ क्षेत्रों में निजी कारें और ऑटोरिक्शा चल रहे थे। घाटी के अन्य जिलों में भी यही हाल था।

कश्मीर में बंद से जनजीवन अस्त-व्यस्त

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र द्वारा अधिसूचित नए भूमि कानूनों के खिलाफ मीरवाइज उमर फारूक नीत हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने शनिवार को बंद का आह्वान किया जिसके चलते घाटी में जनजीवन प्रभावित हुआ।

दरअसल इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्र सरकार ने कई कानूनों में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि बंद के कारण श्रीनगर में ज्यादातर दुकानें, पेट्रोल पंप और व्यावसायिक प्रतिष्ठान नहीं खुले। आवागमन के साधन सड़कों से नदारद रहे। कुछ क्षेत्रों में निजी कारें और ऑटोरिक्शा चल रहे थे। घाटी के अन्य जिलों में भी यही हाल था।

उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए शहर के संवदेनशील इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षकर्मियों को तैनात किया गया था।

केंद्र द्वारा नए भूमि कानूनों को अधिसूचित करने के एक दिन बाद बुधवार को हुर्रियत ने बंद का आह्वान किया था।

हुर्रियत ने कहा कि केंद्र सरकार एक के बाद एक कानून ईजाद कर रही है, संशोधित कर रही है और उन्हें जम्मू-कश्मीर की जनता पर ‘जबरन थोप रही है’।

मंगलवार को जारी एक राजपत्रित अधिसूचना में, केंद्र ने केंद्र शासित प्रदेश में भूमि से संबंधित जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम की धारा 17 से “राज्य के स्थायी निवासी” वाक्यांश को हटा दिया है।

गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को निरस्त किये जाने से पहले, गैर-निवासी जम्मू-कश्मीर में कोई अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते थे। ताजा बदलावों ने गैर-निवासियों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

First Published on: October 31, 2020 3:31 PM
Exit mobile version