पुणे। महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में सोमवार को एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू के एक हिस्से में आग लग गई। आग से प्रभावित क्षेत्र से 15 मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया लेकिन उनमें से तीन मरीजों की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण बाद में मौत हो गयी। आग की घटना की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति बनायी गयी है। जांच समिति में सात सदस्य होंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन मौतों का आग की घटना से कोई संबंध नहीं है और मरीज की स्थिति पहले से ही गंभीर थी और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। कोल्हापुर के छत्रपति प्रमिला राजे अस्पताल के ‘आईसीयू’ में सोमवार सुबह शॉट-सर्किट होने की वजह से आग लग गई।
कोल्हापुर जिले में इस सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि आग के समय कितने मरीज वहां भर्ती थे। बाद में आग पर काबू पा लिया गया। अस्पताल के डीन डॉ. चंद्रकांत म्हासे ने बताया कि कोल्हापुर के छत्रपति प्रमिला राजे अस्पताल के ‘आईसीयू’ में सोमवार सुबह शॉट-सर्किट होने की वजह से आग लग गई।
उन्होंने कहा, सभी 15 मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया और हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है। बताया कि दमकल विभाग और अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत आग पर काबू पा लिया था। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल बाडे ने बताया, आग के बाद आईसीयू से निकाले गए 15 मरीजों में से बेहद गंभीर तीन मरीजों की बाद में मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि इन मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया था और अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद से उनकी स्थिति बिगड़ती जा रही थी।