जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 150 स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है। न्यूज़ एजेंसी ANI ने इसकी जानकारी दी। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर जांच आगे बढ़ाया जा रहा है। सेना की कार्रवाई जारी है। बैरसन में घाटी में छोटे-छोटे स्टॉल लगाने वाले, जिपलाइन ऑपरेटर और जो लोग घुड़सवारी कराते थे इस तरह के लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
पिछले एक हफ्ते में सुरक्षाबलों ने अपनी तरफ से पूरी जांच की है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने पहले तीन दिनों तक लगातार इस हमले के तार खंगाले। इसके बाद जब एनआईए ने अपने हाथों में पूरी जांच ली तो फिर से कुछ संदिग्धों को दोबारा बुलाकर पूछताछ की जा रही है। अभी जांच का दायरा कोकरनाग में पड़ने वाले जंगलों में है। यहां पर पिछले एक हफ्ते में चार बार सुरक्षाबलों को मिलिटेंट के ग्रुप्स का पता चला है।
इस हमले को पाकिस्तानी सेना का पूर्व एसएसजी कमांडो हाशिम मूसा लीड कर रहा था। पाकिस्तानी सेना में इसे आसिफ फौजी के नाम से जाना जाता है। इसके बारे में ये बताया जा रहा है कि कम से कम दो बड़े हमलों में उसका हाथ रहा है। इससे पहले पिछले साल अक्तूबर में सोनमर्ग के गगनगीर में टनल कंपनी पर हुए हमले में भी वो स्थानीय मिलिटेंट आदिल के साथ था। वहीं श्रीनगर एक मुठभेड़ हुई थी जिसमें मूसा भाग गया था। सोनमर्ग से श्रीनगर तक पहाड़ी रास्ता है। यही रास्ता त्राल होते हुए पहलगाम तक पहुंचता है। संभावना जताई जा रही है कि ये वही ग्रुप है जो यहां से चलकर पहलगाम पहुंचा था।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। बैरसन घाटी जिसे ‘मिनि स्विटजरलैंड’ के नाम से जाना जाता है, वहां घूम रहे पर्यटकों को आतंकियों ने निशाना बनाया और धर्म पूछकर मौत के घाट उतार दिया।