तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने जेल में बंद कैदियों के बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता के तौर पर 20 लाख रुपये के कोष को मंजूरी दी है।
सामाजिक न्याय मंत्री के के शैलजा ने यहां शनिवार को बताया कि बुनियादी शिक्षा के लिए 15 लाख रुपये को मंजूरी दी गई है जबकि पांच लाख रुपये की सहायता पेशेवर शिक्षा के लिए है।
राज्य के सामाजिक न्याय विभाग के जरिए लागू की गई परिवीक्षा सेवा के तौर पर शिक्षा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसका मकसद इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाना है।
मंत्री ने कहा, ” जब परिवार का कमाने वाले ही जेल में होता है तो बेगुनाह बच्चों की शिक्षा रुक जाती है। सरकार उनकी शिक्षा न रुके यह सुनिश्चित करने के लिए परियोजना लागू कर रही है। ”
सामाजिक न्याय विभाग के सूत्रों ने बताया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे और कक्षा एक से पांचवीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हर महीने 300 रुपये मिलेंगे, जबकि छठी से 10 वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को 500 रुपये और उच्च माध्यमिक में पढ़ने वाले बच्चों को 750 रुपये प्रति माह मिलेंगे। साथ ही डिग्री की पढ़ाई कर रहे या अन्य पेशेवर पाठ्यक्रम कर रहे छात्रों को 1000 रुपये प्रति महीना मिलेंगे।
योजना के तहत, उम्र कैद या मौत की सजा पाए कैदियों के बच्चों को पेशेवर पाठ्यक्रम करने के लिए आर्थिक सहयोग दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अलग अलग पाठ्यक्रम की फीस अलग अलग होती है। इसलिए प्रत्येक छात्र को अधिकतम एक लाख रुपये की सहायता दी जा सकेगी।