इंदौर। कोरोना से बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र से इंदौर आने वाले यात्रियों को स्थानीय देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर प्रशासन की जांच से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन रेल मार्ग से यहां पहुंच रहे लोगों के लिए महामारी की जांच का कोई इंतजाम नहीं किया गया है और वे बिना किसी रोक-टोक के शहर में दाखिल हो रहे हैं।
कोरोना की रोकथाम के लिए जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने मंगलवार को बताया, महाराष्ट्र से इंदौर आए उन यात्रियों के नमूने हवाई अड्डे लिए जा रहे हैं, जो अपने साथ संक्रमणमुक्त होने की रिपोर्ट नहीं लाए थे। इन नमूनों की यात्रियों के खर्च पर आरटीपीसीआर पद्धति से जांच कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि संबंधित यात्रियों से कहा है कि जब तक उनके नमूनों की जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक वे अपने घरों में पृथक-वास में रहें। बहरहाल, स्थानीय रेलवे स्टेशन पर उन यात्रियों की कोरोना जांच का कोई इंतजाम नहीं है जो महाराष्ट्र से चलने या इस प्रदेश से होकर गुजरने वाली ट्रेनों से इंदौर पहुंच रहे हैं।
पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र कुमार जयंत ने इसकी तसदीक करते हुए कहा, इंदौर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की कोरोना की जांच के लिए राज्य सरकार का कोई दल मौजूद नहीं है। इस बारे में राज्य सरकार ने हमसे कोई चर्चा भी नहीं की है।
उन्होंने हालांकि बताया कि पश्चिम रेलवे अपने स्तर पर ट्रेनों को संक्रमणमुक्त कर रहा है और रेल यात्रियों को शारीरिक दूरी बनाए रखने तथा मास्क लगाने की हिदायत दी जा रही है। महाराष्ट्र से आए यात्रियों की रेलवे स्टेशन पर कोरोना जांच नहीं कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर मालाकार ने कहा, रेलवे स्टेशन केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और हम राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के तौर पर वहां दखल नहीं दे सकते।
गौरतलब है कि इंदौर, मध्य प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है और जिले में हर रोज पड़ोसी महाराष्ट्र से हजारों यात्री सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आते-जाते हैं। कोरोना के बीच सड़क मार्ग से भी महाराष्ट्र से बड़ी तादाद में लोग इंदौर पहुंच रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर इस साल 15 मार्च तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 62,675 मरीज मिले हैं। इनमें से 943 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।