मप्र में कांग्रेस को फिर सताने लगी बगावत की आशंका


भाजपा के कई नेता पहले भी कांग्रेस के कई विधायकों और नेताओं के पार्टी के संपर्क में होने की बात कह चुके हैं। अब कमल नाथ ने साफ कह दिया है कि जो जाना चाहते हैं जाएं। कुल मिलाकर कहीं न कहीं कांग्रेस के अंदर खाने में दलबदल की आशंकाएं हिलोरे मार रही हैं।


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मध्य प्रदेश Updated On :

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भले ही एक साल से ज्यादा का वक्त हो, मगर सियासी उठापटक के संकेत अभी से मिलने लगे हैं। कांग्रेस को तो चुनाव से पहले बगावत की आशंकाओं ने घेर रखा है और संभावित खतरे से पार्टी नेता भी वाकिफ हैं। कांग्रेस राज्य में लगभग डेढ़ दशक बाद वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बढ़त पाकर सत्ता में आई थी मगर ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विधायकों की बगावत के बाद कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। कांग्रेस को सत्ता जाने से ऐसा दंश मिला था जिसे वह आज तक नहीं भुला पाई है। एक बार फिर चुनाव करीब आते ही कांग्रेस को दलबदल की आशंकाएं सताने लगी है।

बीते दिनों बुंदेलखंड के दबंग कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने पार्टी का दामन छोड़ दिया, साथ ही सभी पदों से इस्तीफा भी दे दिया। सियासी तौर पर बुंदेलखंड में कांग्रेस के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है। इसके बाद कई नेताओं के भाजपा के संपर्क में होने और दल बदल की चर्चाएं जोरों पर हैं।

दल बदल की आशंकाओं से पार्टी भी वाकिफ है और प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने तो साफ लहजे में अपनी बात कह दी है। उनका कहना है कि किसी के छोड़कर जाने से कांग्रेस खत्म नहीं हो जाएगी, कोई जाना चाहता है तो हम उसे रोकेंगे नहीं, जो लोग भाजपा में भविष्य देख कर जाना चाहते हैं तो जाएं, मेरी गाड़ी उन्हें छोड़कर आएगी।

कमल नाथ के बयान पर भाजपा के प्रदेष प्रवक्ता डॉ. हितेष वाजपेयी ने तंज सका और ट्वीट कर कहा, सब कुछ लुटाने के बाद भी होश में न आए तो क्या किया जाय कमल नाथ जी?

भाजपा के कई नेता पहले भी कांग्रेस के कई विधायकों और नेताओं के पार्टी के संपर्क में होने की बात कह चुके हैं। अब कमल नाथ ने साफ कह दिया है कि जो जाना चाहते हैं जाएं। कुल मिलाकर कहीं न कहीं कांग्रेस के अंदर खाने में दलबदल की आशंकाएं हिलोरे मार रही हैं।