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भोपाल। आयकर (आई-टी) विभाग ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के चार जिलों में खनन कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया और 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की चूक का पता लगाया, सूत्रों ने यह जानकारी दी। घटनाक्रम से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया- निरीक्षण के दौरान, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 206 के तहत स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) के प्रावधानों के गैर-अनुपालन के विभिन्न मुद्दों का पता चला।
अधिकारियों ने पाया कि 1,600 करोड़ रुपये की रॉयल्टी राशि पर कोई टीसीएस एकत्र नहीं किया गया था, जिसे जिला खनन कार्यालय द्वारा निजी फर्म से एकत्र किया गया था। इसी तरह, जिला खनिज नींव (डीएमएफ) और राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण परीक्षण (एनएमईटी) के लिए पट्टेदार द्वारा भुगतान की गई राशि पर लगभग 552 करोड़ रुपये की राशि पर कोई टीसीएस एकत्र नहीं किया गया था।
इसके अलावा, यह भी पाया गया कि अवैध खनन परिवहन और भंडारण के मामलों में लगाए गए जुर्माने पर कोई टीसीएस एकत्र नहीं किया गया था। अधिकारियों ने यह भी पाया कि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट अनिवार्य प्रक्रिया के अनुसार आय रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल नहीं कर रहे थे।
एक सूत्र ने कहा, चार जिलों में निरीक्षण के दौरान कुल 2,500 करोड़ रुपये के टीसीएस/टीडीएस डिफॉल्ट का पता चला और आगे की जांच चल रही है।