मध्य प्रदेश के “कोरोना योद्धा” डॉक्टर मुकेश जैन की कोरोना संक्रमण से मौत


आगर-मालवा जिले में पदस्थ शासकीय डॉक्टर मुकेश जैन (55) इलाज के बाद महामारी के संक्रमण से तो मुक्त हो गए थे। लेकिन संक्रमण से उत्पन्न जटिलताओं के चलते उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।


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इंदौर। मध्यप्रदेश में कोविड-19 से संघर्ष के दौरान खुद संक्रमित हुए 55 वर्षीय सरकारी डॉक्टर ने चेन्नई के एक अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार रात दम तोड़ दिया। उन्हें प्रदेश सरकार ने महीने भर पहले इंदौर से एयर एम्बुलेंस के जरिये चेन्नई भेजा था, जहां एक निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था।

अधिकारियों के मुताबिक आगर-मालवा जिले में पदस्थ शासकीय डॉक्टर मुकेश जैन (55) इलाज के बाद महामारी के संक्रमण से तो मुक्त हो गए थे। लेकिन संक्रमण से उत्पन्न जटिलताओं के चलते उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।

आगर-मालवा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. एसएस मालवीय ने मंगलवार को “पीटीआई-भाषा” को बताया, “चेन्नई के एक निजी अस्पताल में भर्ती डॉक्टर मुकेश जैन को तमाम कोशिशों के बावजूद बचाया नहीं जा सका। उन्होंने अस्पताल में सोमवार रात आखिरी सांस ली।”

उन्होंने बताया, “चेन्नई के अस्पताल में इलाज के बाद जैन महामारी के संक्रमण से मुक्त हो गए थे और उन्हें कोविड-19 मरीजों की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) से सामान्य आईसीयू में भेज दिया गया था। लेकिन संक्रमण से उत्पन्न जटिलताओं के चलते उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया जिससे उन्होंने दम तोड़ दिया।”

सीएमएचओ ने बताया कि सरकारी डॉक्टर के परिवार में पत्नी और एक बेटी हैं। जैन को प्रदेश सरकार ने 12 फरवरी को एयर एम्बुलेंस के जरिये इंदौर से चेन्नई भेजा था और वहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। उस वक्त फेफड़ों में लगभग 100 प्रतिशत संक्रमण के कारण उनकी हालत बेहद गंभीर थी।

अधिकारियों के मुताबिक जैन आगर-मालवा के जिला चिकित्सालय में पैथालॉजिस्ट के रूप में पदस्थ थे। वह कोविड-19 की ड्यूटी के दौरान खुद इस महामारी की चपेट में आ गए थे।