संवाद से ही समस्या का होगा समाधान-राजीव शर्मा


हम सभी मिलकर अहिंसात्मक अर्थ व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है इसी प्रयास मे शहडोल मे भूमि और आजीविका पर वंचितों के साथ संवाद का कार्यक्रम किया गया है।


प्रदीप सिंह प्रदीप सिंह
मध्य प्रदेश Updated On :

शहडोल। भूमि और आजीविका के मुद्दों पर एकता परिषद द्वारा आयोजित संवाद का कार्यक्रम आज साहिब होटल शहडोल मे संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम दिनाक 23 फरवरी से चल रहा था, आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहडोल संभाग के आयुक्त राजीव शर्मा ने लोगों से संवाद  कर सभी को संबोधित करते हुए कहा कि  वन भूमि के लंबित दावो, सामुदायिक दावों, आजीविका और आवास से जुड़ी हुई समस्याओं के हल के लिए शहडोल संभाग मे एक समिति का गठन किया जायेगा। जमीनी हकीकत में बहुत गड़बड़ियां है, जमीनी अधिकारी वंचितों की संस्याओ को गंभीरता से नही ले रहे है, उन्होंने गाँव के लोंगो से कहा कि हमें मिलकर कुछ नया तरीका निकालना होगा जिसमें यदि गाँव मे कोई अधिकारी आपसे काम के बदले रिश्वत मागता है तो उसकी सूचना हमारे पास तक पहुंचे मे पूरी कोशिश करूँगा कि आपका काम भी हो जाय और रिश्वत न देनी पड़े।

उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को जंगल भी बचाना है और आदिवासी समाज तो प्रक्रति प्रेमी है वह हर पेड़ मे अपने देवो और पुरखों का घर निवास मानता है, आज आप लोगो के संवाद मे कई समस्याओं पर बात हुई है और संवाद से ही हमे रास्ता निकालना है। एकता परिषद के महासचिव अनीश ने आयुक्त  का परिचय कराते हुए स्वागत कर अपने उद्बोधन मे बताया कि जैसा कि विदित है एकता परिषद पिछले 30 वर्षों से कमजोर, वंचित, दलित समुदायों के बीच मे जीवन जीने के संसाधनों के लिए  अहिंसात्मक,  तरीके से कार्य करता रहा है जिसके संस्थापक देश के प्रसिद्ध गांधीवादी राजगोपाल है।

हम सभी मिलकर अहिंसात्मक अर्थ व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है इसी प्रयास मे शहडोल मे भूमि और आजीविका पर वंचितों के साथ संवाद का कार्यक्रम किया गया है। मध्य प्रदेश श्रम शक्ति अभियान के प्रदेश समन्वयक संतोष सिंह ने कहा कि शहडोल जिले में अभी तक वन भूमि के 19181 व्यक्तिगत दावे एवम 980 सामूहिक दावे लगाए गए, सरकारी  आकड़ों के मुताबिक 13975 निजी दावे एवम 856 सामूहिक दावे मान्य किये गए और 12705 हित ग्राहियों को वन अधिकार पत्र 4185 हैक्टेयर भूमि का वितरण किया गया। यहाँ सवाल यह है कि प्रति हितग्राही भूमि का रकबा 0.3293….भूमि मिली जो कब्जे से बहुत ही कम है इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

एकता परिषद् के रवींद्र सक्सेना ने कहा कि एकता परिषद शहडोल जिले मे जल संरक्षण और संवर्धन के कार्यक्रम चला रही है कोरोना काल से अब तक कई गाँव मे श्रम शिविर के माध्यम से तालाब गहरी करण, क्षति ग्रस्त मेड़ों का निर्माण, चेक डेम् आदि के रचनात्मक काम हुए हैं, इसी क्रम मे संवाद मे ग्राम पटेहरा से आये संगठन के वरिष्ठ साथी धर्म दास सिंह ने वन भूमि के दावों के लिए सरकार द्वारा प्रशिक्षण या शिविर लगाकर दावे लगाने की बात रखी क्योंकि लोगों में जानकारी का अभाव है।

वनचाचर् से आये राम सजीवन ने कहा कि सामुदायिक दावे को लेकर वन विभाग, राजस्व विभाग और पंचायत विभाग  से किसी को जिम्मेदारी लेकर आगे बढ़ना होगा तभी सामुदायिक दवा मिल सकता है हम गाँव के लोग सहयोग के लिए तैयार है। जय सिंह नगर के बद्री विशाल सिंह ने कहा कि जिले मे आजीविका के संसाधन का अभाव है जिससे बड़ी संख्या में जिले से पलायन हमारे आदिवासी समाज का होता है, सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है, हम लोग हल्दी जैसे कई उत्पाद कर सकते हैं  बशर्ते सरकार उसकी मार्केटिंग करे, नदना गांव से आई महिला रन्नु ने सरकारी योजनाओ, आवास, मनरेगा आदि का लाभ अधिकारियो की उदासीनता से न मिलने का मुद्दा उठाया।

एकता परिषद् जिला शहडोल के समन्वयक राम प्रकाश पटेल ने भी संवाद मे स्थानीय आजीविका के मुद्दों को रखा, संवाद कार्यक्रम 32 गाँव से 65 मुखीयाओं ने अपनी बात संवाद के माध्यम से रखी, कार्यक्रम के अंत मे रवींद्र सक्सेना ने आयुक्त महोदय जी का आभार व्यक्त करते हुए जल्दी समिति के नाम देने की बात रखी, संवाद का संचालन संतोष भाई द्वारा किया गया।



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