पुणे। पुणे जिला प्रशासन ने ‘म्यूकरमाइकोसिस’ के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्वास्थ्य अधिकारियों को ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 से उबरे लोगों की जांच करने का निर्देश दिया है।
रविवार को जारी किए आदेशानुसार, जिलाधिकारी राजेश देशमुख ने ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभागों को 15 अप्रैल के बाद कोविड-19 से उबरे लोगों की सूची बनाने और 24 से 27 मई के बीच ‘म्यूकरमाइकोसिस’ के संभावित मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है।
‘म्यूकरमाइकोसिस’ को ‘ब्लैक फंगस’ भी कहा जाता है और यह एक दुर्लभ गंभीर संक्रमण है, जो कोविड-19 के कई मरीजों में पाया जा रहा है।
महाराष्ट्र में पुणे जिले में अभी तक ‘म्यूकरमाइकोसिस’ के 300 से अधिक मामले सामने आए हैं।
आदेश के अनुसार, ‘‘ जांच के दौरान अगर ‘म्यूकरमाइकोसिस’ के संभावित मामले सामने आए, तो उनकी विशेषज्ञों द्वारा जांच की जाए, बीमारी की पुष्टि होने पर मरीज को आवश्यक दवाई दी जाए और उपचार/सर्जरी के लिए आगे भेजा जाए।’’
उसके अनुसार, जिन तहसील में केविड-19 से उबरे मरीजों की संख्या अधिक है, वहां जांच के लिए अतिरिक्त चिकित्सकों की तैनाती की जाएा।
जिला प्रशासन ने ‘म्यूकरमाइकोसिस’ के उपचार और उसकी दवाई के सुचारू एवं समान वितरण के लिए एक नियंत्रण कक्ष पहले ही स्थापित कर दिया है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गत बृहस्पतिवार को बताया था कि राज्य में ‘म्यूकरमाइकोसिस’ से अभी तक 90 लोगों की मौत हुई है और फिलहाल चिंता का प्रमुख विषय यही है।