
महाराष्ट्र के जलगांव में पुष्पक ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 13 हो गई है। इसकी जानकारी जलगांव कलेक्टर आयुष प्रसाद ने दी है। जिलाधिकारी ने बताया है कि जलगांव में अफवाह की वजह से हुए हादसे में बुधवार तक 12 लोगों के जान जाने की सूचना थी। गुरुवार (23 जनवरी) को एक अन्य घायल व्यक्ति ने दम तोड़ दिया है।
दरअसल, जलगांव में स्टेशन से आगे बढ़ते ही लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस ने ब्रेक लगाया तो पहियों से चिंगारी निकलने लगी। संभवत: ब्रेक बाइंडिंग के कारण निकली इस चिंगारी को देख यात्रियों को आग लगने का शक हुआ। यह अफवाह इतनी तेज फैली कि ट्रेन में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और जान बचाने के लिए लोग ट्रेन की चेन खींच कर पटरियों पर कूदने लगे।
जान बचाने के चक्कर में कूदे लोगों को यह नहीं पता था कि असल में वे मौत के मुंह में कूद रहे हैं।कुछ लोग ट्रेन की एक तरफ पुलिया की दीवार के पास कूदे और कुछ लोग दूसरी तरफ रेलवे ट्रैक पर उतरे। शार्प टर्न होने के कारण उन्हें सामने से आने वाली ट्रेन का अंदाजा नहीं लगा। ऐसे में तेज रफ्तार में आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में कई यात्री आ गए। बताया जा रहा है कि हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 14 से 15 लोग घायल हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बताया कि सब कुछ इतना तेज हुआ कि कुछ समझ ही नहीं आया। कुछ समझ पाते इससे पहले कर्नाटक एक्सप्रेस की नीचे कई लोग आ चुके थे। हादसा इतना वीभत्स था कि किसी के पैर कटे तो किसी का सिर धड़ से अलग हो गया। इस हादसे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत अन्य नेताओं ने दुख जताया है और घायलों के साथ-साथ मृतकों के परिवार को भी मुआवजा देने का ऐलान किया गया है।