महाराष्ट्र में कोरोना मामलों के बीच हो सकती है स्वास्थ्य सुविधाओं की किल्लत, सीएम ने किया आगाह


मुंबई। महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच अस्पतालों में मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं की किल्लत झेलनी पड़ सकती है। जिस रफ़्तार से वहां कोरोना के नए केस सामने आ रहे हैं उसको लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद परेशान हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर कोरोना वायरस की ‘‘चिंताजनक स्थिति’’ कायम रही तो जल्द ही राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की किल्लत पैदा हो सकती है।

सोशल मीडिया पर राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि कोरोना के मामलों की रोकथाम के लिए एक या दो दिनों में सख्त पाबंदी लगायी जाएगी। उन्होंने कहा, अगर मौजूदा स्थिति बनी रही तो मैं लॉकडाउन लगाने की आशंका से इनकार नहीं सकता। महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 47,827 मामले सामने आये जो कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से राज्य में संक्रमण के एक दिन में सामने आये सर्वाधिक मामले हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में 2.2 लाख पृथक-वास बिस्तर हैं जिनमें से 62 फीसदी भरे हुए हैं । 20,519 आईसीयू बिस्तरों में से 48 फीसदी पर मरीज भर्ती हैं जबकि ऑक्सीजन की उपलब्धता वाले 62,000 बिस्तरों में से 25 फीसदी पर मरीज हैं। इसी तरह 9,347 वेंटिलेटर में से 25 फीसदी पर मरीज हैं।

उन्होंने कहा, हम बिस्तरों, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की उपलब्धता वाले बिस्तरों की संख्या में इजाफा करेंगे लेकिन स्वास्थ्य पेशेवरों को लेकर क्या करेंगे? हम और अधिक स्वास्थ्यकर्मी कहां से लाएंगे? पिछले एक साल में अधिकतर स्वास्थ्यकर्मी कोविड-19 की चपेट में आए हैं।

ठाकरे ने कहा, ‘‘अब तक कोविड-19 टीके की 65 लाख खुराकें दी गयी हैं। बृहस्पतिवार को तीन लाख खुराकें दी गयी थी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग टीकाकरण के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं क्योंकि वे मास्क नहीं पहन रहे।

ठाकरे ने कहा कि लोगों को कोविड-19 के संबंध में नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार गरीबों की आजीविका और अर्थव्यवस्था की रक्षा करना चाहती है, लेकिन हम लोगों का जीवन भी बचाना चाहते हैं।’’ मुख्यमंत्री ने राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वे महामारी की परिस्थिति का राजनीतिकरण नहीं करें।



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