मुंबई मेट्रो लाइन-3 का परीक्षण परिचालन आरंभ

मुंबई मेट्रो की तीसरी लाइन में 33.5 किलोमीटर लंबा भूमिगत मार्ग शामिल है। यह लाइन दक्षिण मुंबई के कोलाबा को महानगर के पश्चिमी उपनगरों से जोड़ेगी। इससे उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवा पर यात्रियों की भीड़ में कमी आने की उम्मीद है।

मुंबई। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने मंगलवार को आरे कॉलोनी के सारिपुट नगर में कोलाबा-बांद्रा-एसईईपीजेड ​​मेट्रो लाइन-3 का परीक्षण परिचालन आरंभ किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूर्वाह्न 11 बजे परीक्षण परिचालन (ट्रायल रन) के तहत मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

इस मौके पर शिंदे ने कहा कि इस मेट्रो मार्ग के शुरू होने से यातायात जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी। फडणवीस ने मेट्रो लाइन-3 के परीक्षण परिचालन को ऐतिहासिक क्षण करार देते हुए कहा कि यह ‘मुंबई की नई जीवन रेखा होगी’ और जब पूरे 40 किलोमीटर लंबे मार्ग पर चलेगी, तो नागरिकों के लिए यह एक आध्यात्मिक संतुष्टि होगी।

फडणवीस ने कहा कि मेट्रो लाइन-3 (कार शेड) परियोजना का विरोध पर्यावरणीय कारणों से ज्यादा राजनीतिक वजहों से किया गया।

मुंबई मेट्रो की तीसरी लाइन में 33.5 किलोमीटर लंबा भूमिगत मार्ग शामिल है। यह लाइन दक्षिण मुंबई के कोलाबा को महानगर के पश्चिमी उपनगरों से जोड़ेगी। इससे उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवा पर यात्रियों की भीड़ में कमी आने की उम्मीद है।

यह परीक्षण परिचालन विवादों में रहे इस मेट्रो ट्रैक को हकीकत में तब्दील करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। शिंदे और फडणवीस ने मेट्रो ट्रेन के अंदर जाकर उसका जायजा भी लिया। इस मौके पर एमएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक अश्विनी भिड़े भी मौजूद थे।

शिंदे सरकार ने इस साल 30 जून को संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से सटी वन भूमि ‘आरे’ में मेट्रो कार शेड के निर्माण का फैसला पलट दिया था।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने राज्य की नयी सरकार से आरे में कार शेड के निर्माण की योजना पर आगे नहीं बढ़ने की अपील की थी।

फडणवीस ने कहा, “मेरी राय में मेट्रो लाइन-3 परियोजना का विरोध पर्यावरणीय कारणों के बजाय राजनीतिक वजहों से ज्यादा हो रहा है। लाइन-3 पर मेट्रो परिचालन शुरू होने के बाद रोजाना औसतन 17 लाख लोग इस पर यात्रा करेंगे। इसके शुरू होने के साथ सड़कों पर लगभग सात लाख वाहन घट जाएंगे। यह लाइन निश्चित रूप से पर्यावरण संबंधी उद्देश्यों का समर्थन करेगी।”

फडणवीस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब इस मेट्रो को चलने से कोई नहीं रोक सकता, यही संकेत हमने दिया है।’’ शिंदे ने कहा कि भूमिगत मेट्रो एक बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना है और यह यातायात जाम की समस्या का त्रुटिहीन समाधान प्रदान करने जा रही है।

शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में फडणवीस के पिछले पांच साल के कार्यकाल के दौरान मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग जैसी कई परियोजनाएं शुरू की गईं, जिनमें काफी प्रगति हुई। उन्होंने कहा कि समृद्धि महामार्ग परियोजना जल्द ही पूरी हो जाएगी और शिरडी और नागपुर के बीच के हिस्से का उद्घाटन किया जाएगा।

फडणवीस ने कहा कि मेट्रो लाइन -3 परियोजना का 50 प्रतिशत अगले साल मार्च तक पूरा होने वाला था, लेकिन विभिन्न विवादों और काम अटकने के कारण, यह अब दिसंबर 2023 में पूरा होगा और शेष 50 प्रतिशत उसके तुरंत बाद पूरा हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री शिंदे आरे में मेट्रो कार शेड निर्माण का निर्णय नहीं लेते, तो 15,000-20,000 करोड़ रुपये का निवेश बेकार चला जाता और परियोजना को पूरा करने के लिए अतिरिक्त राशि की आवश्यकता होती। उन्होंने कहा कि इससे अंततः मुंबईवासियों पर बोझ पड़ता।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश में सभी पर्यावरणीय पहलुओं पर विचार करते हुए अनुमति दी है। फडणवीस ने मेट्रो लाइन के लाभों को गिनाते हुए कहा कि लगभग 17 लाख यात्री प्रतिदिन इस मेट्रो लाइन का उपयोग करेंगे, 7.5 लाख वाहन सड़क से हट जाएंगे और 2.5 लाख टन कार्बन उत्सर्जन बंद हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि जब शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था और परियोजना का 25 प्रतिशत काम पूरा हो गया था, तो काम को रोकना दुर्भाग्यपूर्ण था।

उन्होंने कहा कि यदि डीपो को कांजुरमार्ग ले जाया जाता, तो यहां दलदली भूमि होने की वजह से भूमि स्थिरीकरण में दो साल का समय लगता और इसके बाद निर्माण कार्य पूरा करने में भी दो अतिरिक्त साल लगते। फडणवीस ने कहा कि सौनिक समिति की रिपोर्ट के अनुसार परियोजना की लागत 15,000-20,000 करोड़ रुपये बढ़ गई थी और इसे पूरा करने के लिए चार अतिरिक्त वर्षों की आवश्यकता थी।

फडणवीस ने हाल में राज्य के महाधिवक्ता और प्रशासन को कांजुरमार्ग के बजाय आरे कॉलोनी में कार शेड बनाने का प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया था, जिसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य की पिछली सरकार ने चुना था।

उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने मंगलवार को कहा, “पिछली सरकार ने कार शेड को कांजुरमार्ग में स्थानांतरित करने की कोशिश की थी। इसे कांजुरमार्ग में स्थानांतरित करने के बावजूद आरे में कुछ बुनियादी ढांचा बनाना जरूरी था।”

पहली बार, 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरे में मेट्रो लाइन-3 कार शेड बनाने का प्रस्ताव किया था, जिसे स्थानीय एनजीओ (गैर सरकारी संस्था) वनशक्ति ने बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उसने क्षेत्र में मौजूद पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए एक याचिका भी दायर की थी।

इसके बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी इस स्थान पर कार शेड के निर्माण की योजना को आगे बढ़ाया था। हालांकि, पर्यावरण सक्रियतावादियों ने आरे में कार शेड के निर्माण के लिए पेड़ काटने का सख्त विरोध किया था।

महाराष्ट्र में 2019 में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मेट्रो लाइन-3 कार शेड को कांजुरमार्ग पूर्वी उपनगर में स्थानांतरित दिया, लेकिन यह विषय कानूनी विवाद में उलझा रहा।

तत्कालीन उद्धव सरकार ने आरे को आरक्षित वन क्षेत्र भी घोषित किया था। हाल में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती उद्धव सरकार के फैसले को पलट दिया था। मेट्रो लाइन-3 परियोजना का वित्त पोषण जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने किया है।

First Published on: August 30, 2022 11:09 PM
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