नवाब मलिक का आरोप, फडणवीस ने आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को सरकारी पदों पर नियुक्त किया 

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महाराष्ट्र Updated On :

मुंबई। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जाली नोटों की जब्ती से संबंधित एक मामले को दबाने और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की विभिन्न सरकारी बोर्ड में नियुक्त करके ‘राजनीति का अपराधीकरण’ करने का बुधवार को आरोप लगाया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मलिक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी (पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करना) किए जाने के बाद अन्य राज्यों से जाली नोट पकड़े गए जबकि महाराष्ट्र में ऐसा एक भी मामला नहीं आया। उस समय फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे।

मलिक ने कहा कि आठ अक्टूबर 2017 को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से 14.56 करोड़ रुपये मूल्य के जाली नोट जब्त किए थे।

मलिक ने आरोप लगाया, “ मगर देवेंद्र फडणवीस ने मामले को दबाने में मदद की। जब्त राशि को बाद में 8.8 लाख रुपये के मूल्य के बराबर दिखाया गया।”

उन्होंने सवाल किया कि मामले को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को क्यों नहीं सौंपा गया?

उन्होंने कहा, “ संयोग से, उस वक्त समीर वानखेड़े (जो फिलहाल स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के अधिकारी हैं और उनके खिलाफ मलिक ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं) डीआरआई में संयुक्त निदेशक थे।”

मलिक की प्रेस वार्ता के खत्म होने के कुछ देर बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने एक ट्वीट किया जिसमें किसी का नाम नहीं लिया गया है। इस ट्वीट में फडणवीस ने प्रसिद्ध नाटककार जॉर्ज बर्नार्ड शॉ को उद्धृत करते हुए लिखा, ‘ मैंने बहुत समय पहले सीखा था कि कभी किसी सूअर से नहीं लड़ो। इससे आप ही गंदे होंगे जबकि सूअर को मज़ा आएगा।”

मलिक ने कहा कि इस मामले में इमरान आलम शेख नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया। मंत्री ने दावा किया कि बाद में उसके भाई हाजी आराफात शेख को राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) फडणवीस पर अपने हमले जारी रखते हुए मलिक ने कहा कि आने वाले दिनों में ‘और बम गिराए’ जाएंगे तथा वह इस मुद्दे पर भाजपा का पर्दाफाश करेंगे।

मलिक ने आरोप लगाया कि फडणवीस ने अपराधिक पृष्ठभूमि के कई लोगों को राज्य के बोर्ड में नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि नागपुर के मुन्ना यादव को महाराष्ट्र निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया जबकि उनके खिलाफ हत्या जैसे आपराधिक मामले दर्ज थे।

मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि फडणवीस ने उस व्यक्ति को संरक्षण दिया जिसकी दूसरी पत्नी बांग्लादेशी है। जब मलाड पुलिस ने मामले की जांच करने की कोशिश की तो उस पर दबाव डाला गया।

मंत्री ने आरोप लगाया, “ फडणवीस ने आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को सरकारी पदों पर नियुक्त करके राजनीति का अपराधीकरण किया है।”

मलिक ने मंगलवार को कहा था कि वह एक ‘हाइड्रोजन बम’ छोड़ेंगे और फडणवीस के ‘अंडरवर्ल्ड’ के साथ कथित रिश्तों का भंडाफोड़ करेंगे।

फडणवीस ने इससे पहले मंगलवार को आरोप लगाया था कि एक दशक पहले 1993 मुंबई बम विस्फोटों के दो दोषियों और मलिक तथा उनके परिवार के सदस्यों के बीच एक संदिग्ध भूमि सौदा हुआ था। इस आरोप को मंत्री ने खारिज किया है।

मलिक और फडणवीस ‘अंडरवर्ल्ड’ से संबंधों को लेकर एक दूसरे को निशाना बना रहे हैं। दोनों ने ही ‘अंडरवर्ल्ड’ से रिश्ते होने से इनकार किया है।

मलिक ने पिछले हफ्ते पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी अमृता फडणवीस के साथ एक कथित मादक पदार्थ तस्कर की तस्वीर ट्वीट की थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने इसके बाद कहा था कि वह दिवाली के बाद ‘अंडरवर्ल्ड’ के साथ मलिक के कथित रिश्तों के बारे में बताएंगे।