परमबीर सिंह के पत्र में लगाए गए आरोपों का मुद्दा सरकार के लिए समाप्त हो चुका है: राउत


शिवसेना नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का से उपजे विवाद का मुद्दा, राज्य की महा विकास आघाडी सरकार के लिए समाप्त हो चुका है।


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महाराष्ट्र Updated On :

मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का से उपजे विवाद का मुद्दा, राज्य की महा विकास आघाडी सरकार के लिए समाप्त हो चुका है।

राउत ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में यह बयान दिया।

उन्होंने कहा, “(सिंह द्वारा लिखे गए) उस पत्र का मुद्दा एमवीए सरकार के लिए अब खत्म हो चुका है। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी इस मामले में किसी भी जांच का स्वागत किया है।”

राउत ने कहा, “मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अनिल देशमुख का मत है कि सिंह के पत्र में लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए। एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश जांच की निगरानी करेंगे इसलिए देशमुख को पद से हटाने की कोई जरूरत नहीं है।”

शिवसेना सांसद ने कहा कि इससे पता चल जाएगा कि कौन राज्य की छवि बिगाड़ना चाहता है।

सिंह ने ठाकरे को 20 मार्च को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख पुलिस अधिकारियों से होटलों और बार से प्रतिमाह सौ करोड़ रुपये उगाही करने को कहते थे।

हालांकि, मंत्री ने आरोप खंडन किया था।

राउत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर अपने कोटे से 12 उम्मीदवारों को विधान परिषद का सदस्य नामित करने पर कोई फैसला न लेने के लिए उनकी आलोचना की।

राज्य मंत्रिमंडल ने विधान परिषद के लिए राज्यपाल के कोटे से 12 उम्मीदवारों के नाम का सुझाव दिया था।

राउत ने कहा, “क्या राज्यपाल उन 12 उम्मीदवारों पर पीएचडी कर रहे हैं? क्या वह उनके नाम पर अधिकतम दिनों तक निर्णय न लेने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं? वह संवैधानिक रूप से सुझाए गए 12 उम्मीदवारों के नाम का सम्मान नहीं कर रहे हैं।”