टीबी और पैराप्लेजिया से पीड़ित युवती को मिली नई जिंदगी

पुणे। स्पाइनल टीबी और पैराप्लेजिया से पीड़ित 21 वर्षीय एक युवती को पुणे के एक निजी अस्पताल में सर्जरी होने के बाद नई जिंदगी मिली है। सरकारी अस्पताल बी जे मेडिकल कालेज के ऑर्थोपेडिक विभाग के प्रमुख डॉ श्रीनिवास शिंत्रे ने बताया कि स्पाइनल टीबी के साथ पैराप्लेजिया होना चिकित्सा जगत में दुर्लभ मामला है। पैराप्लेजिया में शरीर के निचले हिस्से और पैरों में लकवा मार जाता है।

उन्होंने कहा कि रोग का पता यदि पहले लग जाए तो सर्जरी की नौबत नहीं आती। कहा, ऐसे मामलों में मरीज के ठीक होने के लिए डॉक्टर का कौशल भी उतना ही महत्वपूर्ण है। युवती की सर्जरी नोबल अस्पताल में की गई। अस्पताल के डॉक्टर हृषिकेश मेहता ने कहा कि अगर रोग के बारे में पहले पता नहीं चला तो इससे शरीर के निचले हिस्से में मांसपेशियों की पूरी ताकत खत्म हो जाती है और स्पर्श की अनुभूति चली जाती है।

मेहता ने कहा, महिला को शुरुआत में पीठ में दर्द था और वह चलने में असमर्थ थी। वह स्ट्रेचर पर अस्पताल आई थी और उसके दोनों पैरों की मांसपेशियों ने काम करना बंद कर दिया था। वह बिस्तर पर करवट भी नहीं ले पा रही थी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में डॉक्टरों ने युवती की सर्जरी की और दो दिन में वह चलने के काबिल हो गई।

First Published on: December 16, 2020 3:23 PM
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