मुंबई में खाने के डिब्बे पहुंचाने वाले प्रसिद्ध डब्बावालों ने पिछले महीने कहा था कि “टिफिन सेवा के 130 साल के इतिहास में कभी भी छह महीने का अंतराल नहीं आया था।”
डब्बावालों ने पूरी क्षमता के साथ अपनी सेवा बहाल करने के वास्ते लोकल ट्रेन उपयोग करने की सुविधा दिए जाने की मांग की थी। कोविड-19 के प्रतिबंधों के चलते, केवल वही डब्बावाले सेवाएं दे रहे हैं, जो दक्षिण मुंबई में साइकिल से जा सकते हैं। मंगलवार से लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति मिलने के बाद अब उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की है।
पश्चिमी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से 30 सितंबर को जारी ‘अनलॉक’ दिशा-निर्देशों के अनुसार उन्होंने डब्बावालों को लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दे दी है।
उन्होंने कहा, “रेलवे द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार विदेशी वाणिज्यिक दूतावासों और उच्चायोग के कर्मचारियों को भी लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति दी गई है।”
महानगर में पांच हजार से अधिक डब्बावाले टिफिन पहुंचाने का व्यवसाय करते हैं। कोविड-19 महामारी फैलने से पहले सामान्य दिनों में वे कार्यालय जाने वाले लोगों तक दो लाख से अधिक टिफिन पहुंचाते थे। समय पर टिफिन पहुंचाने के लिए डब्बावाले उपनगरीय ट्रेन सेवा का सहारा लेते थे।
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने कहा कि लोकल ट्रेन में यात्रा करने के लिए राज्य सरकार की ओर से जारी क्यूआर कोड वाले पहचान पत्र अनिवार्य होंगे लेकिन डब्बावालों ने अनुरोध किया है कि उन्हें उनके पहचान पत्र के आधार पर यात्रा करने की अनुमति दी जाए।
मुंबई डब्बावाला संघ के प्रवक्ता सुभाष तालेकर ने लोकल ट्रेन में यात्रा करने की अनुमति मिलने पर खुशी जताई है।
मुंबई। मुंबई के डब्बावालों तथा विदेशी वाणिज्यिक दूतावासों और उच्चायोग के कर्मचारियों को लोकल ट्रेन में सफर करने की अनुमति दे दी गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। वर्तमान में लोकल ट्रेन केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के लिए चलाई जा रही है।