नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हरियाणा के चरखी दादरी जिले में तीन महीने में हवा की गुणवत्ता के अध्ययन का निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदूषण फैलाने वाली किसी भी गतिविधि की अनुमति देने से पहले क्षमताओं का मूल्यांकन करना होगा। एनजीटी के प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पर्यावरण के नियमों के उल्लंघन का पता चला है और बहुत नाकाफी उपचारात्मक कदम उठाये गये हैं।
एनजीटी ने इस संबंध में सात सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया जिनमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (वरिष्ठ स्तर) के तीन सदस्य और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव शामिल हैं। अधिकरण ने राज्य सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया जिसमें इलाके का, क्षमता आकलन करने के लिए 12 महीने का समय मांगा गया है। स्थानीय निवासी विनोद कुमार जांगड़ा की याचिका पर सुनवाई हो रही थी जिसमें वायु प्रदूषण फैलाने वाली और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली कथित अनियंत्रित खनन एवं पत्थर तोड़ने वाली इकाइयों पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गयी