अरुणाचल करेगा असम के साथ लगती सीमा का जमीनी आकलन

अरुणाचल सरकार ने असम के साथ सीमा साझा करने वाले 12 जिलों के उपायुक्तों को दो महीने के भीतर अंतर-राज्यीय सीमा पर जमीनी आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री बामंग फेलिक्स ने असम के साथ सीमा साझा करने वाले 12 जिलों के उपायुक्तों को दो महीने के भीतर अंतर-राज्यीय सीमा पर जमीनी आकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि फेलिक्स ने उच्च अधिकार प्राप्त मंत्रिस्तरीय समिति (एचपीएमसी) की उन जिला स्तरीय समितियों के साथ बैठक के दौरान यह निर्देश जारी किया, जिनका गठन अंतर-राज्यीय सीमा की स्थिति का अध्ययन करने के लिए 15 जुलाई को किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि उपायुक्तों को उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त स्थानीय आयोग की सिफारिशों के आधार पर आकलन रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया। उन्होंने बताया कि जिलों को 26 अक्टूबर तक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है। इन जिलों में पश्चिम कामेंग, पक्के केसांग, पापुम पारे, कमले, लोअर सियांग, निचली दिबांग घाटी, पूर्वी सियांग, लोहित, नामसाई, चांगलांग, लोंगडिंग और तिरप शामिल हैं।

फेलिक्स ने उपायुक्तों से पूरी ईमानदारी के साथ यह काम करने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘हमें अंतर-राज्यीय सीमा मुद्दे को हल करने को लेकर अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को उस समस्या का सामना न करना पड़े जिसका सामना हम आज कर रहे हैं।’’

गृह मंत्री ने इस बात को स्वीकार किया कि जिला स्तरीय समितियों को दिया गया कार्य कठिन है। उन्होंने कहा कि सरकार, राज्य के राजनीतिक दलों, समुदाय आधारित संगठनों और छात्र संघों में इस मुद्दे को हल करने के लिए पर्याप्त राजनीतिक इच्छाशक्ति है।

एचपीएमसी ने राज्य के सीमा दावों के आधार के रूप में उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त स्थानीय आयोग की सिफारिशों को लेने का फैसला किया है, जिससे 2007 अंतर-राज्यीय सीमांकन के आकलन के लिए संदर्भ वर्ष बन गया है।

First Published on: August 27, 2021 2:04 PM
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