जौलीग्रांट हवाई अड्डे के विस्तार का रास्ता साफ, शिवालिक हाथी रिजर्व की अधिसूचना होगी निरस्त

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देहरादून। उत्तराखंड राज्य वन्य जीव बोर्ड ने ‘शिवालिक हाथी रिजर्व’ की अधिसूचना को निरस्त करने का निर्णय किया है। मंगलवार रात को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बोर्ड की 16वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया।

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने बताया कि शिवालिक हाथी रिजर्व के संबंध में 2002 में जारी अधिसूचना को रद्द किए जाने से 5,405 वर्ग किलोमीटर में फैले क्षेत्र में स्थित देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे का विस्तारीकरण सहित कई विकास गतिविधियों का रास्ता साफ हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि शिवालिक हाथी रिजर्व सिर्फ एक शासनादेश है जिसकी राज्य मंत्रिमंडल से मंजूरी नहीं ली गयी थी। इसके निरस्त होने से प्रदेश भर में करीब एक दर्जन वन प्रभागों में विकास कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा सकेगा।

बोर्ड ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंगोत्री राष्ट्रीय पार्क में पडने वाली नेलांग घाटी में भी ट्रेकिंग के लिए चार रूटों को स्वीकृति दी जिनमें नादुंग से जनकताल ट्रेकिंग रूट, दुमकू से चोरगाड़, झाला से अवाना बुग्याल जसपुर से ब्रहमीताल ट्रेकिंग रूट शामिल है। बोर्ड ने लालढ़ांग चिल्लर खाल मार्ग की स्वीकृति हेतु राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को पुनः प्रस्ताव प्रेषित किये जाने का भी निर्णय लिया।

बोर्ड द्वारा लिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों में गोविन्द वन्य जीव विहार वन क्षेत्र के अन्तर्गत उत्तरकाशी जिले के मोरी में नैटवाड़ से नुराणू, नैटवाड से हल्द्वाड़ी, हल्द्वाड़ी से सेवा, पॉव से सिरगा, चमोली जिले के केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के तहत रूद्रनाथ मंदिर पेयजल योजना, कार्बेट टाइगर रिजर्व के रामनगर क्षेत्र में धनगढ़ी नाले में 150 मीटर के पुल निर्माण को मंजूरी शामिल है।