राज्य सरकार के केंद्र से टकराव में पिस रहे पश्चिम बंगाल के लोग: गवर्नर

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सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि राज्य के लोग केंद्र और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच एक ऐसी लड़ाई की कीमत अदा कर रहे हैं जिसे टाला जा सकता है। पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनने के बाद से ही धनखड़ का राज्य सरकार के साथ टकराव जारी है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार विकास के दो पहिये हैं और लोगों की मदद के लिए सहयोगात्मक संघवाद और संयुक्त कार्रवाई’ के साथ काम किया जाना चाहिए।

महामारी ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य ढांचे की पोल खोल दी है। अगर सरकार आयुष्मान भारत योजना को अंगीकार करती तो अच्छा होता। दुर्भाग्यवाश, राज्य के लोग दूरदर्शिता की कमी और टाले जा सकने वाले टकराव की कीमत चुका रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री-किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार ने देश में प्रत्येक किसान के खाते में सीधे 12,000 रुपये की राशि भेजी, लेकिन राज्य के लोग इस लाभ से वंचित रहे।

धनखड़ ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ ‘बढ़ते’ अपराध की भी निंदा की। राज्यपाल रविवार से एक महीने लंबी दार्जिलिंग यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा का मकसद ‘जमीनी वास्तविकताओं’ को जानना है।

राज्यपाल की दार्जिलिंग की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा सुप्रीमो बिमल गुरुंग ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी राजग से अपना समर्थन वापस लेगी। गुरुंग ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है।

गुरुंग हत्या और यूएपीए के तहत अपराध के आरोपों में तीन साल तक फरार रहने के बाद हाल ही में नाटकीय रूप से कोलकाता में नजर आए थे। धनखड़ ने इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा, ‘‘कानून का भगोड़ा, समाज के लिए भी भगोड़ा ही है।’’