कैप्टन देंगे कांग्रेस से इस्तीफा, कहा- भाजपा में नहीं जाऊंगा


पंजाब की राजनीति में जारी उथल पुथल के बीच इस सियासी दंगल ने फिर एक नया मोड़ ले लिया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने की बात कही है।


शिवांगी गुप्ता शिवांगी गुप्ता
पंजाब Updated On :

नई दिल्ली। पंजाब की राजनीति में जारी उथल पुथल के बीच इस सियासी दंगल ने फिर एक नया मोड़ ले लिया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने की बात कही है।

अमरिंदर सिंह ने एक टीवी में इंटरव्यू में बातचीत के दौरान यह जानकारी दी कि, ‘वह अब कांग्रेस में नहीं रहेंगे और पार्टी से इस्तीफा देंगे, लेकिन भाजपा में शामिल नहीं होंगे।’ साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि, ‘पंजाब में आम आदमी पार्टी का ग्राफ बढ़ रहा है, लेकिन कांग्रेस की लोकप्रियता 20 प्रतिशत घट गई है।’

गृह मंत्री अमित शाह से बुधवार को मुलाकात करने के बाद कैप्टन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की। सिंह ने कहा कि पंजाब से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को लेकर उन्होंने डोभाल से मुलाकात की है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं भाजपा शामिल नहीं होने जा रहा।’’

कैप्टन ने जोर देकर कहा, ‘‘फिलहाल मैं कांग्रेस में हूं, लेकिन लंबे समय नहीं रहूंगा। मैंने स्पष्ट किया है कि 52 साल से मैं राजनीति में हूं और लंबे समय से कांग्रेस में हूं। अगर 50 साल के बाद मेरी विश्वसनीयता पर संदेह किया गया, विश्वास नहीं किया गया तो फिर क्या रह गया था। ऐसे में मैंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया।’’ इसी के साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस से मैं इस्तीफा दे दूंगा।’’

एक अन्य सवाल के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पिछली बार के सर्वेक्षण में आम आदमी पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस नीचे जा रही है। कांग्रेस की लोकप्रियता में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। नवजोत सिंह सिद्धू पर लोगों को विश्वास नहीं है।’’

कैप्टन ने कहा कि पंजाब में नयी ताकत आ रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह नयी पार्टी बनाएंगे तो सिंह ने कहा, ‘‘जब कोई कदम उठाउंगा तो उस बारे में आपको पता चल जाएगा।’’

डोभाल से मुलाकात के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा चिंताओं को लेकर मैं उनसे मिला हूं। मैं मुख्यमंत्री भले ही नहीं हूं, लेकिन पंजाब तो हमारा है…पहले जैसे हालात न पैदा हों, एनएसए से मुलाकात का यही मकसद था।’’

गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को लेकर सिंह ने कहा, ‘‘ किसान आंदोलन को लेकर एक साल पूरा हो गया। कुछ तो समाधान निकलना चाहिए। मुझे डर है कि इससे पंजाब में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं, यह मैं नहीं चाहता ।’’ उनके मुताबिक, ‘‘मैने गृह मंत्री से कहा है कि किसानों की मांग मानने और फसल विविधिकरण के लिए पंजाब को 25 हजार करोड़ रुपये दिये जाएं।’’

सिद्धू पर एक बार फिर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि वह गंभीर व्यक्ति नहीं हैं और सबको साथ लेकर काम नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘वह बेहद शिक्षित व्यक्ति हैं। मेरे साथ मंत्री के तौर पर उन्होंने अच्छा काम किया। यह जरूरी है कि सिद्धू उनको काम करने दें। सिद्धू हावी होना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को ‘जी 23’ की बात सुननी चाहिए।

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ टकराव के बाद अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया। सिद्धू ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।



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