
चंडीगढ़। नये कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानाों के मुद्दे से देश का ध्यान भटकाने के लिए अब सरकार का आयकर विभाग लग गया है। किसानों के विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए आयकर विभाग अब पंजाब के आढ़तियों के ठिकानों पर छापा मारना शुरु कर दिया है। वहीं आयकर के छापे के बाद आढ़तियो ने सरकारी अधिकारियों को चेताया है और कहा है कि ऐसी कार्रवाई जारी रही तो आढ़ती और किसान आयकर अधिकारियों के कार्यालयों का घेराव शुरु कर देंगे।
पंजाब में आढ़तियों ने आयकर विभाग के छापे के खिलाफ मंगलवार को चार दिनों की हड़ताल शुरू की। आढ़तियों का आरोप है कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के चलते उन्हें धमकाने के लिए आयकर विभाग ने यह कार्रवाई की है।
आढ़तियों के फेडरेशन के अध्यक्ष विजय कालरा के मुताबिक, राज्य में अनाज मंडी में ना तो फसल की खरीद हुई ना ही बिक्री हुई ।
पंजाब आढ़तिया एसोसिएशन के अध्यक्ष रवींद्र सिंह चीमा ने कहा, ‘‘सभी आढ़तिया चार दिनों की हड़ताल पर हैं। उन्होंने अपनी दुकानें बंद रखी हैं।’’
चीमा ने आरोप लगाया कि किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के कारण केंद्र ने कमीशन एजेंट के खिलाफ ‘प्रतिशोध’ में यह कार्रवाई की है।
हाल में आयकर विभाग ने छह आढ़तियों के परिसरों पर छापे मारे थे। छापे के पहले आयकर विभाग से कुल 14 आढ़तियों को नोटिस मिले थे।
बठिंडा के एक आढ़ती ने कहा, ‘‘हम आयकर विभाग की कार्रवाई से नहीं डरने वाले है। हम किसानों को समर्थन देते रहेंगे।’’
आढ़तियों ने कहा कि उन्होंने किसानों से चार दिवसीय हड़ताल के दौरान अपनी फसल अनाज मंडी में नहीं लाने को कहा है। आढ़तियों ने कहा कि किसानों ने भी उनका समर्थन किया है।
उन्होंने कहा अगर छापेमारी की कार्रवाई हुई तो किसान नेता और आढ़तिये आयकर विभाग के अधिकारियों का घेराव करेंगे। राज्य में करीब 24,000 पंजीकृत आढ़तिये हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी शनिवार को आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार आढ़तियों के परिसरों पर आयकर के छापे के जरिए उन्हें डराने-धमकाने का हथकंडा अपना रही है।