
जालंधर। पंजाब के जालंधन जिला प्रशासन ने उस व्यक्ति को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद मुहैया कराई, जो वायरल हुए एक वीडियो में अपनी 11 वर्षीय बेटी का शव अपने कंधों पर रखकर ले जाते दिख रहा है। पिता ने कहा कि उसके पड़ोसी मदद के लिए आगे नहीं आए, क्योंकि उन्हें लगा कि बेटी की कोरोना के कारण मौत हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति की पहचान दिलीप कुमार के रूप में की गई है और वह दिहाड़ी मजदूर है, अपने परिवार के साथ राम नगर इलाके में रहता है। अधिकारियों ने बताया कि उसकी बेटी की नौ मई को अमृतसर में मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि यह मौत कोविड-19 से नहीं हुई थी।
जालंधर के उपायुक्त घनश्याम थोरी ने कहा कि परिवार की वित्तीय स्थिति स्थिर नहीं थी और उसे तत्काल मदद की आवश्यकता थी। एक व्यक्ति ने 10 मई को एक वीडियो बनाया था, जिसमें कुमार अपनी बेटी सोनू का शव अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाते दिख रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार उड़ीसा का रहने वाला है ये परिवार फिलहाल जालंधर में रह रहा था। दिलीप कुमार नाम का ये शख्स अपनी दो बेटियां और एक बेटे के साथ फिलहाल जालंधर के रामनगर में रह रहा है।
कुछ समय पहले उसकी एक बेटी जिसका नाम सोनू था अचानक बीमार हो गई जिसके बाद उसे वह अमृतसर के एक अस्पताल में ले गया जहां इलाज के दौरान उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लेकिन इलाज दौरान लड़की की मौत हो गई।
जिसके बाद पिता उसे अपने घर लेकर आया और जब उसको अंतिम संस्कार करने के लिए तैयारियां शुरू हुई तो इलाके के लोगों ने अंतिम संस्कार में बेटी को कंधा देने से मना कर दिया।
मजबूरन दिलीप कुमार को अपनी बेटी को अपने कंधे पर लाद कर खुद ही श्मशान घाट अंतिम संस्कार के लिए ले जाना पड़ा। ये दयनीय तस्वीर सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है। इस संबंधी एक वीडियो भी शायर किया जा रहा है। उसके पीछे एक बच्चा भी चल रहा है।