
स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को मोहाली कोर्ट ने 2018 यौन शोषण मामले में दोषी करार दिया है। मोहाली कोर्ट ने सुनवाई के बाद बजिंदर सिंह को यौन उत्पीड़न मामले में दोषी पाया है। अब सजा का ऐलान एक अप्रैल 2025 को होगा। बजिंदर सिंह अंतिम सुनवाई के लिए 6 और आरोपियों के साथ मोहाली के पॉक्सो कोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट ने 5 अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया, लेकिन बजिंदर सिंह सबूतों के साथ दोषी पाया गया है।
दरअसल, साल 2018 में जीरकपुर की एक महिला ने पादरी बजिंदर सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पीड़िता का आरोप था कि कथित चमत्कार के जरिए कई बीमारियों को ठीक करने का दावा करने वाले बजिंदर सिंह ने उसका यौन शोषण किया। इस शिकायत पर स्वयंभू पादरी समेत सात लोगों पर केस दर्ज हुआ था।
जुलाई 2018 में दिल्ली एयरपोर्ट पर लंदन जाने वाली फ्लाइट में सवाल होने की कोशिश करते समय उन्हें अरेस्ट किया गया था। फिलहाल बजिंदर सिंह जमानत पर बाहर थे।
पुलिस ने जांच के बाद जो चार्जशीट दायर की थी, उसमें बताया गया था कि ताजपुर गांव में पादरी बजिंदर सिंह ने जालंधर की नाबालिग के साथ गलत हरकत की थी। पीड़िता का फोन नंबर लेकर उसे गलत तरीके के मैसेज करते थे और चर्च में अकेले बैठाते थे और गलत काम करते थे। इस मामले में कपूरथला पुलिस ने SIT का गठन कर जांच की थी।
बजिंदर सिंह की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, उनकी उम्र 42 साल है। बजिंदर सिंह के वीडियो में ही यह बताया गया है कि वह 20 साल के थे जब हत्या के केस में फंसे थे और जेल गए थे। जाट परिवार में पले-बढ़े बजिंदर सिंह का जेल के अंदर ही ईसाई धर्म से लगाव बढ़ा। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कथित चमत्कार से लोगों को ठीक करने का दावा किया।
चंडीगढ़ के चर्च में साल 2016 में बजिंदर सिंह ने पहली सभा आयोजित की, जिसमें करीब 100 लोग पहुंचे थे। इसके बाद जालंधर में उन्होंने एक चर्च शुरू किया। आज बजिंदर सिंह के पीछे हजारों लोगों की भीड़ चलती है।