
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए दो दिन बाद 25 नवंबर 199 सीटों पर मतदान होगा। श्रीगंगानगर जिले के श्रीकरणपुर सीट के कांग्रेस प्रत्याशी का निधन हो जाने के कारण वहां अभी मतदान नहीं होगा। उसकी अलग से तिथि घोषित होगी। सूबे की दोनों ही प्रमुख पार्टियों को इस बार कई जगह बगातवत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं उनको अन्य दलों और निर्दलीयों से भी चुनौती मिल रही है। लिहाजा कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय हो गया है।
मौटे तौर पर देखा जाए तो कांग्रेस और भाजपा के बागियों समेत कई जगह निर्दलीय प्रत्याशी कड़े मुकाबले में है। हालांकि दोनों ही प्रमुख दलों ने बागियों को पार्टी से बहार का रास्ता दिखा दिया है लेकिन अब बागी और निर्दलीय दोनों मिलकर प्रमुख पार्टियों को तगड़ी चुनौती दे रहे हैं। इसके अलावा इस बार दूसरे छोटे दलों ने भी गत बार के मुकाबले ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
कांग्रेस ने 50 और बीजेपी ने 40 बागियों पर की कार्रवाई
बगावत को लेकर कांग्रेस ने मौटे तौर पर लगभग 50 उम्मीदवारों पर कार्रवाई की है। वहीं बीजेपी भी इसमें पीछे नहीं है। उसने भी कई बागियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। उसने करीब 40 नेताओं पर कार्रवाई की है। हालांकि कुछ जगहों पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों को बागियों को मनाने में सफलता मिली है लेकिन इसका प्रतिशत काफी कम है। दोनों पार्टियां अभी रूठों को मनाने में जुटी है यह दीगर बात है कि बागी हैं कि मानने को तैयार ही नहीं हैं।
इन सीटों पर बागियों और निर्दलीयों ने बिगाड़े समीकरण
चित्तौड़गढ़ में निर्दलीय चन्द्रभान सिंह आक्या, डीडवाना में यूनुस खान, सवाईमाधोपुर में आशा मीणा, कोटपुतली में मुकेश गोयल, बाड़मेर में डॉ। प्रियका चौधरी, चौहटन में तरूण राय कागा, शाहपुरा (भीलवाड़ा) में कैलाश मेघवाल, श्रीगंगानगर में करुणा अशोक चांडक, झोटवाड़ा में आशुसिंह सूरपुरा, खंडेला में बंशीधर खण्डेला, लूणकरणसर में वीरेन्द्र बेनीवाल, झुंझुनूं में राजेन्द्र भाम्बू, सांचौर में जीवाराम चौधरी, पिलानी में कैलाश मेघवाल और अनूपगढ़ शिमला बावरी ने बीजेपी कांग्रेस की सांसें फूला रखी हैं।
इन निर्दलीयों ने भी दे रखी है अच्छी खासी चुनौती
इनके अलावा हनुमानगढ़ में निर्दलीय राजेन्द्र सिंह भादू, शाहपुरा में आलोक बेनीवाल, नागौर में हबीबुर्रहमान अशरफी लांबा, जालोर में रामलाल मेघवाल, बसेड़ी में खिलाड़ीलाल बैरवा, केशोरायपाटन में राकेश बोयत, पुष्कर में गोपाल बाहेती, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ में जौहरीलाल मीणा, शिव में रविन्द्र सिंह भाटी व फतेह खान, सूरतगढ़ में राजेन्द्र सिंह भादू ,वल्लभनगर में राजकुमारी, बस्सी में अंजू देवी धानका और जितेन्द्र मीणा शामिल हैं।
अन्य पार्टियों के ये नेता भी बीजेपी और कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैं
उदयपुरवाटी में राजेन्द्र गुढा (शिवसेना) संगरिया में परम नवदीप (आजाद समाज पार्टी) रायसिंहनगर में श्योपत राम (सीपीआईएम) भादरा में बलवान पूनिया (सीपीआईएम), नोखा में कन्हैया लाल झंवर (विकास मंच), खींवसर में हनुमान बेनीवाल (आरएलपी) मेड़ता में इंदिरा देवी (आरएलपी), दांतारामगढ़ में अमराराम (सीपीआईएम), दांतारामगढ़ में रीटा सिंह चौधरी (जननायक जनता पार्टी), वल्लभनगर में दीपेन्द्र कुंवर भींडर (जनता सेना), विराटनगर में रामचंद्र सराधना (आजाद समाज पार्टी), शिव में जालम सिंह (आरएलपी), भोपालगढ़ में पुखराज गर्ग (आरएलपी) और फतेहपुर में नंदकिशोर महरिया (जननायक जनता पार्टी) शामिल हैं।