जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को बहुचर्चित स्वास्थ्य के अधिकार विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसे विधानसभा ने पिछले महीने पारित कर दिया था। बिल के पारित होने से सरकार और डॉक्टरों के बीच गतिरोध पैदा हो गया था, जो 16 दिनों से हड़ताल पर थे। हालांकि, 4 अप्रैल को दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
सरकार और डॉक्टरों के बीच 8 बिंदुओं पर सहमति के बाद विधेयक को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था।इस बिल के पास होने का मतलब यह है कि राज्य के किसी भी नागरिक को राज्य सरकार द्वारा संचालित और चुनिंदा निजी अस्पतालों से इलाज कराना होगा। साथ ही इस इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी।
इस विधेयक के पारित होने से सड़क दुर्घटना, सांप या अन्य काटने या किसी अन्य आपात स्थिति के समय पूर्व भुगतान से बचने में मदद मिलेगी और आम व्यक्ति बिना किसी पूर्व भुगतान के इलाज करा सकेगा।
अस्पताल किसी भी तरह के शुल्क के लिए मरीज पर दबाव नहीं बनाएंगे। यदि व्यक्ति इलाज के बाद भुगतान करने में असमर्थ है, तो सरकार खर्च वहन करेगी।
रोगी को सभी प्रकार के उपचार का बिल अस्पताल से वसूल करने का अधिकार होगा। साथ ही, रोगी को उपचार से संतुष्ट नहीं होने पर अपील करने का अधिकार होगा।
दोषी पाए जाने पर अस्पताल पर जुर्माना लगाया जाएगा। अपील की प्रक्रिया और शिकायत के तरीके को भी सरल बनाया गया है।