सचिन पायलट के खिलाफ टोंक से बागी नेता ने वापस लिया नामांकन


मोहसिन रशीद के नाम वापस लेने का फैसला सचिन पायलट के लिए राहत लेकर आया है क्योंकि रशीद ने टोंक से नामांकन दाखिल किया था। रशीद ने अब सचिन पायलट का समर्थन करने का फैसला किया है।


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राजस्थान Updated On :

राजस्थान (Rajasthan) में गुरुवार को कई प्रत्याशियों ने अपना नामांकन (Nomination) वापस लिया। दरअसल, आज (9 नवंबर) नामांकन वापसी का आखिरी दिन था। नामांकन वापस लेने वालों में अधिकांश बागी नेता थे जिन्होंने अपनी-अपनी पार्टी से नाराजगी के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। हालांकि ऐसा लग रहा है कि पार्टी अपने नाराज नेताओं को मनाने में कामयाब रही है। ऐसे ही एक नेता हैं कांग्रेस के मोहसिन रशीद जिन्होंने नाम वापस ले लिया है।

मोहसिन रशीद के नाम वापस लेने का फैसला सचिन पायलट के लिए राहत लेकर आया है क्योंकि रशीद ने टोंक से नामांकन दाखिल किया था। रशीद ने अब सचिन पायलट का समर्थन करने का फैसला किया है। रशीद के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी नाम वापसी कर ली है। इनमें पिपल्दा से कांग्रेस की बागी सरोज मीणा, सूरसागर से रामेश्वर दाधीच, अमजेर दक्षिण से हेमंत भाटी का नाम भी शामिल हैं।

मसूदा से ब्रह्मादेव कुमावत, फदोलदी से कुंभ सिंह, सूरतगढ़ से बलराम वर्मा ने वापस नाम वापस ले लिया। वह पार्टी के प्रत्याशी डूंगरराम गेदर को समर्थन दे रहे हैं। हवामहल से गिरीश पारीक और पिलानी से अनुराग जोया ने भी नामांकन वापस ले लिया है। उधर, हेमंत भाटी सचिन पायलट के समर्थक माने जाते हैं। जबकि रामेश्वर दाधीच सीएम अशोक गहलोत के खास हैं। रामेश्वर दाधीच ने पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय लड़ने का फैसला किया था। उन्होंने यह आरोप लगाया था कि मेरा टिकट काटकर एक बच्चे को उम्मीदवार बनाया गया है।

राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं। नामांकन पत्रों के स्क्रूटनी की तारीख 7 नवंबर को थी जिस अवधि के अंदर निर्वाचन आयोग ने नामांकन पत्रों की जांच की और कई नामांकन पत्र खारिज भी किए गए हैं। राजस्थान में विधानसभा में फिलहाल 107 सीटें कांग्रेस के पास हैं जबकि बीजेपी के 70 विधायक हैं। इन सभी सीटों पर 25 नवंबर को मतदान कराया जाएगा और मतगणना 3 दिसंबर को कराई जाएगी।

 



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