चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को राज्य के संशोधित एपीएमसी कानून को वापस लेने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की खातिर सात दिनों का अल्टीमेटम दिया है। पार्टी ने कहा कि शिअद ने मांग की है कि राज्य को प्रधान बाजार क्षेत्र के तौर पर अधिसूचित किया जाए ताकि तीन कृषि कानूनों को बेअसर किया जा सके।
इसने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने विधानसभा का सत्र आहूत करने से इंकार किया तो पार्टी उनके आवास का ‘घेराव’ करेगी। इस बारे में पार्टी की कोर समिति की बैठक में निर्णय किया गया जोकि फैसला लेने वाला सर्वोच्च निकाय है। बैठक की अध्यक्षता शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने की। शिअद प्रमुख के प्रधान सलाहकार हरचरण बैंस ने कहा, केंद्र सरकार के किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ स्पष्ट रूख अपनाने से मुख्यमंत्री द्वारा लगातार इंकार करने के कारण अमरिंदर सिंह को अंतिम चेतावनी देना आवश्यक हो गया था। साथ ही पूरे राज्य को प्रधान बाजार क्षेत्र घोषित करने से इंकार कर रहे हैं जहां केंद्र के कानून लागू नहीं होंगे।
बैंस ने कहा कि सत्र बुलाने पर मुख्यमंत्री के इस मामले पर ध्यान न देने के कारण पार्टी ने अल्टीमेटम दिया है। शिअद राज्य सरकार से कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) कानून 2017 को वापस लेने की मांग करती रही है। अकालियों के मुताबिक एपीएमसी कानून में वे सभी प्रावधान हैं जो नये कृषि कानूनों में हैं। इसी बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस मामले में शिअद का ना तो नैतिक आधार है और न राजनीतिक स्थिति है कि वह उन्हें या सरकार को निर्देश दे।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को नकारने के लिए विधानसभा सत्र का बुलाना उनकी सरकार का विशेषाधिकार था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि कृषि कानूनों के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव के संबंध में मतदान से बचने के लिए जिस पार्टी ने पिछले विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया हो, वह संबंधित कानून को खारिज करने के लिए सत्र बुलाने को बेचैन है। वहीं शिअद की कोर समिति ने करतारपुर गलियारा जल्दी खुलवाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मिलने का फैसला किया है।