सूरज की तपिश से बुझेगी प्यास, सौर ऊर्जा से चलेंगे राजस्थान के 200 लघु पेयजल आपूर्ति स्रोत

अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक लघु पेयजल आपूर्ति स्त्रोत पर आवश्यकतानुसार 2 एच.पी. अश्व शक्ति से 12.5 एच.पी. क्षमता के सोलर पम्प स्थापित किये जायेंगे। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारू रूप से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

जयपुर। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम राज्य के 200 लघु पेयजल आपूर्ति स्रोतों को सौर ऊर्जा से चलाने की व्यवस्था करेगा। निगम के अध्यक्ष डॉ. सुबोध अग्रवाल ने शुक्रवार को निदेशक मण्डल की बैठक में यह जानकारी दी ।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी की गई राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 के प्रावधानों व बजट घोषणा 2020-21 के क्रियान्वयन के तहत राज्य में ऐसे ग्रामीण क्षेत्र, जहॉं विद्युत की उपलब्धता नहीं है या बिजली की निरंतर आपूर्ति का अभाव है अथवा स्थानीय निकाय बिजली के बिल भरने में असमर्थ हैं, वहॉं 200 लघु पेयजल आपूर्ति स्त्रोतों को चयनित कर उन्हें सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम पायलट परियोजना के रूप में इसे चलाएगा।

अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक लघु पेयजल आपूर्ति स्त्रोत पर आवश्यकतानुसार 2 एच.पी. (अश्व शक्ति) से 12.5 एच.पी. क्षमता के सोलर पम्प स्थापित किये जायेंगे। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारू रूप से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

उन्होंने बताया कि यह योजना जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के समन्वय से निगम द्वारा क्रियान्वित की जायेगी तथा इस पर लगभग आठ करोड़ रुपये का व्यय होना संभावित है जिसे निगम वहन करेगा।

बैठक में डॉ. अग्रवाल ने बताया कि निगम ने वित्त वर्ष 2019-20 में 23.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। निदेशक मंडल ने निगम की प्रदत्त पूंजी की कुल 10 प्रतिशत राशि 1.29 करोड़ रुपये लाभांश के रूप में राज्य सरकार को दिये जाने की सिफारिश की है।

First Published on: November 20, 2020 7:16 PM
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