अनैतिक गतिविधियों की गवाह रही सिस्टर अभया की हत्या में कैथोलिक पादरी और नन दोषी


अभियोजन के मुताबिक, अभया पर कुल्हाड़ी के हत्थे से हमला किया गया था क्योंकि वह कुछ अनैतिक गतिविधियों की गवाह थी जिसमें तीनों आरोपी शामिल थे।


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दक्षिण भारत Updated On :
21 वर्षीय सिस्टर अभया की हत्या में फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी दोषी पाये गए हैं।


तिरुवनंतपुरम। केरल में तिरुवनंपुरम की एक सीबीआई अदालत ने 21 वर्षीय सिस्टर अभया की हत्या के सिलसिले में कैथोलिक पादरी और एक नन को मंगलवार को दोषी पाया। उनका शव 1992 में कोट्टायम के एक कान्वेंट के कुएं में मिला था।

विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश जे सनल कुमार ने इस मामले में फैसला सुनाया है।

सजा की अवधि पर फैसला बुधवार को सुनाया जाएगा।

अदालत ने कहा कि फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी के खिलाफ हत्या के आरोप साबित होते हैं। दोनों न्यायिक हिरासत में हैं।

इस मामले में अन्य आरोपी फादर फूथराकयाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।

युवा नन के सेंट पियूस कॉन्वेंट के कुएं में से मृत मिलने के 28 साल बाद अदालत का फैसला आया है। वह कॉन्वेंट में रहती थी।

अभया के माता-पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वे अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के इंतजार में ही गुजर गए।

पहले स्थानीय पुलिस और फिर अपराध शाखा ने मामले की जांच की और कहा कि यह खुदकुशी का मामला है।

सीबीआई ने 2008 में मामले की जांच अपने हाथ में ली।

इस मामले में सुनवाई पिछले साल 26 अगस्त को शुरू हुई और कई गवाह मुकर गए।

अभियोजन के मुताबिक, अभया पर कुल्हाड़ी के हत्थे से हमला किया गया था क्योंकि वह कुछ अनैतिक गतिविधियों की गवाह थी जिसमें तीनों आरोपी शामिल थे।



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