युवाओं में फैल रहा है कोरोना का घातक B.1.617 और B.1 स्वरुप : आंध्र सरकार

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दक्षिण भारत Updated On :

अमरावती। आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोविड-19 का बेहद संक्रामक माना जाने वाला B.1.617 और B.1 स्वरूप युवाओं में तेजी से फैल रहा है। कोशिका एवं जीव विज्ञान केन्द्र की ओर से किए गए अध्ययन के मुताबिक कोरोना का एन440के स्वरूप न ही बेहद संक्रामक है और न ही बेहद घातक है।

अध्ययन के मुताबिक, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों में से नमूने एकत्र किए गए थे जिनमें बी.1.617 और बी.1 स्वरूप पाया गया है जो कि बेहद संक्रामक माना जाता है। यह दोनों ही स्वरूप युवाओं में तेजी से फैल रहे हैं।

आंध्र प्रदेश के कोविड कमान एवं नियंत्रण केन्द्र के अध्यक्ष के एस जवाहर रेड्डी ने एक वक्तव्य में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से कोविड-19 महामारी को लेकर 25 अप्रैल को जारी ताजा जानकारी के मुताबिक भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों का संबंध बी.1.617 से है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में एन440के स्वरूप का कोई उल्लेख नहीं है। हैदराबाद स्थित सीसीएमबी की ओर से इस संबंध में आंध्र, तेलंगाना और कर्नाटक से नमूने लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग की गयी। जवाहर रेड्डी ने कहा कि अनुसंधान में यह पता चला है कि कोरोना का एन440के स्वरूप उतना संक्रामक और घातक नहीं है।