नई दिल्ली। हज यात्रियों के लिए कोच्चि हवाई अड्डे को प्रस्थान केंद्र बनाए जाने का विरोध करते हुए बुधवार को राज्यसभा में अन्नाद्रमुक के एक सदस्य ने कहा कि इससे चेन्नई से हज के लिए जाने वाले करीब 4,000 यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कोच्चि हवाई अड्डे के बजाय चेन्नई हवाई अड्डे को हज यात्रियों के लिए प्रस्थान केंद्र बनाए जाने की मांग भी की।
अन्नाद्रमुक सदस्य ए मोहम्मद जान ने मांग की कि तमिलनाडु के हज यात्रियों को चेन्नई हवाई अड्डे से विमान से जाने की अनुमति दी जाए और उनके लिए कोच्चि हवाई अड्डे से रवाना होने की अनिवार्यता न हो।
उन्होंने कहा ‘‘ चेन्नई हवाई अड्डे से करीब 4,000 यात्री हज के लिए जाते हैं। लेकिन हज के लिए कोच्चि को प्रस्थान केंद्र नियत कर दिया गया है। कोच्चि चेन्नई से करीब 700 से 800 किमी दूर है। ’’
मोहम्मद जान ने कहा कि हज यात्रियों को हज समिति से अपने दस्तावेज लेने के लिए चार -पांच दिन चेन्नई में रहना होगा और फिर वापस कोच्चि जाना होगा। इसके बाद ही वे हज के लिए रवाना हो सकेंगे। यह उन पर अतिरिक्त आर्थिक भार साबित होगा। इसमें समय भी लगेगा और यात्रियों को असुविधा होगी।
उन्होंने कहा ‘‘ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि चेन्नई को हज यात्रियों के लिए प्रस्थान केंद्र बनाया जाए। सरकार को इस अनुरोध पर विचार करना चाहिए।’’
इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह वास्तविक समस्या है और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तथा विदेश मंत्री एस जयशंकर को इस पर गौर करना चाहिए।