जगन्नाथ मंदिर जमीन: ओडिशा सरकार ने शुरू की 35,000 एकड़ से ज्यादा जमीन को बेचने की योजना, 6 लाख प्रति एकड़ तय किया दाम


ओडिशा के 24 जिलों में भगवान जगन्नाथ के नाम पर 60,426 एकड़ जमीन पंजीकृत है। इसके अलावा 395 एकड़ जमीन पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार में है।


बबली कुमारी बबली कुमारी
दक्षिण भारत Updated On :

ओडिशा के 30 में से 24 जिलों में फैले जगन्नाथ मंदिर से संबंधित 60,426.943 एकड़ जमीन की पहचान की गई है. इसमें से 395.252 एकड़ बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में ओडिशा के बाहर स्थित है। ओडिशा सरकार ने भगवान जगन्‍नाथ के नाम पर रजिस्‍टर्ड 35,000 एकड़ से अधिक जमीन को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

ओडिशा सरकार ने पुरी में विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ मंदिर से संबंधित 35 हजार एकड़ जमीन को बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। BJP विधायक मोहन मांझी के एक सवाल का जवाब देते हुए कानून मंत्री प्रताप जेना ने 16 मार्च को विधानसभा में कहा कि तत्कालीन राज्यपाल बीडी शर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई एक कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक, राज्य सरकार जगन्नाथ मंदिर की 35,272.235 एकड़ जमीन की संपत्ति को बेचने के लिए जरूरी कदम उठा रही है।

जेना ने कहा कि आयोग की सिफारिश के अनुसार, राज्य सरकार की अनुमोदित नीति (Approved Policy) के अनुसार जमीन बेचने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस कदम का मकसद 12वीं सदी के इस मंदिर के 650 करोड़ रुपये के कोष को साल 2023 तक बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण करने वाले लोगों से राशि इकठ्ठा करने का फैसला किया है।

प्रताप जेना ने कहा कि ओडिशा के 30 में से 24 जिलों में फैले जगन्नाथ मंदिर से संबंधित 60,426.943 एकड़ जमीन की पहचान की गई है। इसमें से 395.252 एकड़ बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में ओडिशा के बाहर स्थित है। मंदिर प्रशासन 34,876.983 एकड़ में राइट्स ऑफ राइट्स (जमीन का अधिकार-RoR) तैयार कर सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, जगन्नाथ मंदिर की अधिकतम 322.930 एकड़ जमीन पश्चिम बंगाल में, 28.218 एकड़ महाराष्ट्र में, 25.110 एकड़ मध्य प्रदेश में, 17.020 एकड़ आंध्र प्रदेश में, 1.700 एकड़ छत्तीसगढ़ में और 0.274 एकड़ जमीन बिहार में फैली हुई है। जानकारी के अनुसार, जिन लोगों ने 30 सालों से ज्यादा समय तक मंदिर की जमीन पर कब्जा किया है, उन्हें प्रति एकड़ 6 लाख रुपये देने होंगे, वहीं जिन लोगों ने 30 साल से कम और 20 सालों से ज्यादा समय तक कब्जा किया है, उन्हें प्रति एकड़ 9 लाख रुपयों का भुगतान करना होगा।

इसके अलावा, जिन लोगों ने 20 सालों से कम लेकिन 12 सालों से ज्यादा समय तक मंदिर की जमीन पर कब्जा बनाए रखा है, उन्हें प्रति एकड़ 15 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। बता दें कि राज्य सरकार कटक शहर में भारती मठ भवन समेत जगन्नाथ मंदिर की 315.337 एकड़ जमीन पहले ही बेच चुकी है और जमीन की बिक्री से मिले 11.20 करोड़ रुपये मंदिर कॉर्पस फंड में जमा किए जा चुके हैं।



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