कर्नाटक सेक्स सीडी कांड : भाजपा केस सीबीआई को सौंपने की तैयारी में


पूर्व मंत्री राज्य सरकार से सेक्स सीडी कांड मामले को सीबीआई को सौंपने की गुहार लगा रहे थे। जारकीहोली ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार करने की भी मांग की।


नागरिक न्यूज
दक्षिण भारत Updated On :

बेंगलुरु। कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक रमेश जरकीहोली के कथित सेक्स सीडी कांड मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की तैयारी कर रही है। इस बीच, कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ चर्चा के बाद जराकीहोली की सीडी मामले को सीबीआई को सौंपने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “रमेश जारकीहोली ने इस संबंध में मुझसे मुलाकात की। उन्होंने पर्याप्त जानकारी दी थी और मामले को सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया था। मामले को सीबीआई को सौंपने या न देने का फैसला सीएम बोम्मई के साथ मामले पर चर्चा करने के बाद किया जाएगा।”

ज्ञानेंद्र ने कहा, “सीडी के जरिए किसी को बदनाम करना गलत है। इसमें किसी पार्टी को शामिल नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा किया गया तो पुलिस कार्रवाई करेगी।”

पूर्व मंत्री राज्य सरकार से सेक्स सीडी कांड मामले को सीबीआई को सौंपने की गुहार लगा रहे थे। जारकीहोली ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार करने की भी मांग की।

उन्होंने यह कहते हुए कि राज्य के सैकड़ों राजनेता, बेंगलुरु में अधिकारी और शीर्ष अधिकारी सीडी साजिश में फंस गए हैं, चुनौती दी कि वे कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार को जेल भिजवाएंगे।

जारकीहोली ने कहा, “मेरे पास 120 सबूत हैं। मैं उन्हें यहां जारी नहीं कर रहा हूं। मामले की जांच सीबीआई को करनी है।”

जारकीहोली ने आरोप लगाया कि शिवकुमार ने साजिश रचकर उन्हें मारा और उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म करने के लिए वीडियो बनवाया।

मार्च 2021 में जारी कथित सेक्स सीडी ने राज्य में भारी विवाद खड़ा कर दिया था। शर्मिदगी के बाद कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा ने जारकीहोली को मंत्रिमंडल से हटा दिया था।

जारकीहोली ने राज्य में सत्ता में आने के लिए भाजपा द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन लोटस’ में प्रमुख भूमिका निभाई थी। वह जद-एस और कांग्रेस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिराने में सबसे आगे थे।

इससे पहले, जारकीहोली पर लगे दुष्कर्म के आरोपों की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने मामले में ‘बी रिपोर्ट’ दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि आरोप साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।

जारकीहोली इस समय राज्य में कैबिनेट पद की मांग कर रहे हैं।



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